Category: Hindi Essays
भयंकर गर्मी में पत्थर तोड़ती मजदूरिन Bhaynkar Garmi main Pathar todati Majdoori जून का महीना था। गर्मी इतनी प्रचण्ड पड़ रही थी कि मनुष्य तो क्या पशु-पक्षी तक सभी …
मेरे जीवन की अविस्मरणीय घटना Mere Jivan ki Avismarniya Ghatna आज मैं बी० ए० प्रथम वर्ष में हो गया हूँ। माता-पिता कहते हैं कि अब तुम बड़े हो गये …
जब मेरी जेब कट गयी Jab meri Jeb kat Gai यह घटना पिछले साल की है। परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मैं अपने ननिहाल जाने के लिए बस स्टैंड …
जब मेरी साइकिल चोरी हो गयी Jab meri Cycle Chori ho Gai एक दिन मैं अपने कॉलेज में छुट्टी का आवेदन पत्र देने गया। मैं अपनी साइकिल कॉलेज के …
स्वप्न में गाँधी जी से भेंट Swapan main Gandhi ji se Bhent एक रात मैं हिंदी के प्रसिद्ध कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक कविता पढ़ रहा था …
स्वप्न में गोस्वामी तुलसीदास जी से भेंट Swapan main Goswami Tusidaas ji se Bhent एक दिन मैंने दूरदर्शन पर रामायण सीरियल देखा। उसमें तथ्यों को जिस प्रकार तोड़-मरोड़ कर …
परीक्षा भवन का दृश्य Pariksha Bhawan ka Drishya निबंध नंबर :- 01 अप्रैल महीने की पहली तारीख थी । उस दिन हमारी वार्षिक परीक्षाएँ शुरू हो रही थीं। परीक्षा …
जब सारा दिन बिजली न आई Jab Sara Din Bijali na Aai ज्यों-ज्यों मनुष्य विकास कर रहा है वह अपनी सुख-सुविधाओं के साधन भी जुटाने लगा है । बिजली …
हमारे पड़ोसी Hmare Padosi निबंध नंबर :- 01 मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । वह अकेला नहीं रह सकता । वह सदा एक सामाजिक के रूप में रहना पसंद …
सत्संगति Satsangati सत्संगति से मनुष्य विद्वान, विवेकशील एवं यशस्वी बनता है। देवर्षि नारद के सान्निध्य में रहकर सज्जनों को संगति। मनुष्य जिससे मित्रता करता है, उसके आचरण से …