बस द्वारा यात्रा करते हुए आपको जिन असुविधाओं और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, उनका उल्लेख करते हुए बस के प्रबंध अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
सेवा में
प्रबंध अधिकारी
दिल्ली परिवहन निगम
सिंधिया हाउस
नई दिल्ली
विषय : बसों में होने वाली असुविधाओं और कठिनाइयों के संबंध में।
महोदय
दिल्ली भारत की राजधानी है। मुझे अत्यंत संतप्त मन से आपकी सेवा में यह निवेदन करना है कि आजकल राजधानी की बस व्यवस्था ठीक प्रकार से नहीं चल रही है। पिछले दिनों मुझे मुंबई और कोलकाता की यात्रा करने का अवसर मिला। सुना करता था कि इतनी बड़ी जनसंख्या वाले इस विशाल नगर में यातायात की कोई कठिनाई नहीं है। मगर सुबह-शाम तो बहुत ही परेशानी होती है।
मैं पिछले पाँच वर्षों से दिल्ली में रह रहा हूँ। मुझे एक दिन भी ऐसा याद नहीं पड़ता, जिस दिन प्रतीक्षा में खड़ हुए बस स्टॉप पर मैंने अपने आपको और परिवहन व्यवस्था को न कोसा हो। किसी-किसी रूट की बस की घंटों तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। फिर जब वह भरी हुई हमारे आगे से सर्राटे से निकल जाती है, तो क्या हाल होता है इसका अंदाजा आप नहीं लगा सकते। यदि मैं अपनी दैनिकी के आधार पर हिसाब करूं तो विश्वास है कि मैंने अपने जीवन का बहुत अधिक कीमती समय बसों के इंतजार में गवाया है। डी०टी०सी० बस के सहारे किसी स्थान पर नियत समय पर पहुँचना एक आश्चर्य की ही बात है।
बसों में होने वाली इस परेशानी के अतिरिक्त मैं इस बात का निवेदन करने की भी धृष्टता करूंगा कि आपकी बसों के संवाहक किसी अन्य लोक के जीव मालूम होते हैं। दिन भर लोहे और रबर की घर्र-घर्र सुनकर उनके हृदय सहानुभूतिहीन हो गए हैं। उन्हें यात्रियों से कोई सहनुभूति नहीं होती। बस की प्रतीक्षा में परेशान यात्रियों के प्रति उनका व्यवहार बड़ा कटु होता है।
आपसे नम्र निवेदन है कि आप अपने स्तर पर इसकी जाँच करें और दिल्ली की जनता के बस संबंधी कष्टों को दूर करने की दिशा में उपयुक्त कदम उठाएँ।
धन्यवाद सहित
भवदीय
हस्ताक्षर
(राजीव शर्मा)
16/34 शक्ति नगर
दिल्ली
दिनांक :….