Bhratiya Samaj Aur Andhvishvas “भारतीय समाज और अंधविश्वास” Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 Students.

भारतीय समाज और अंधविश्वास

Bhratiya Samaj Aur Andhvishvas

अंधविश्वास का अर्थ है-बिना सोच-समुझे किसी पर विश्वास करना। वह विश्वास किसी मनुष्य पर हो सकता है, किसी विचार पर हो सकता है, किसी परंपरा या संस्था या धर्म में हो सकता है। वास्तव में अंधविश्वास के मूल में होती है-ममता। ममता हमेशा अंधी होती है। जैसे कोई माता अपनी संतान के विरुद्ध कुछ भी सुनना नहीं चाहती, उसी प्रकार अंधविश्वासी अपने विश्वास के विरुद्ध कुछ भी सुनना नहीं चाहता। इस कारण उसकी प्रगति के द्वार बंद हो जाते हैं। वह नित नए आविष्कारों को स्वीकार नहीं करना चाहता। उसे नई प्रगति नरक की सीढ़ी प्रतीत होती है। आज प्रगति का युग है। समाज के जीवन में तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं। यदि नए युग में रहना है तो अंधविश्वासों से उबरना होगा। नए सत्यों को खुले मन से स्वीकार करना होगा।

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