Bhrashtachar ke Virodh me Jan Selab “भ्रष्टाचार के विरोध में जन सैलाब” Hindi Essay 300 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

हिंदी निबंध – “भ्रष्टाचार के विरोध में जन सैलाब”
Hindi Essay – “Bhrashtachar ke Virodh me Jan Selab”

एक कवि ने लिखा है- ‘सहेंगे भ्रष्टाचार जब तक सहा जाएगा, जब नहीं सहा जाएगा उठाएँगे बेलचे और उखाड देंगे इसे जड से। चाहे चली जाय हमारी यह कीमती जाना जान चला जाएगी तो क्या? आने वाली नस्ल तो सुख से जी सकेंगी ये पंक्तियाँ हैं कमार ललित की। जिसे मैंने सुना जंतर-मतर के उस जन सैलाब में जहाँ लोगों के हाथों में तख्तियाँ थीं। जिन पर लिखा था ‘लोकतंत्र बचाओ. भ्रष्टाचार हटाआ। लागू नारे लगा रहे थे। जन-सैलाब को कथित समाज नेता संबोधित कर रहे थे। वे वर्तमान सरकार के भ्रष्टाचारों की गिनती कर रहे थे। यह जन-सैलाब था उन जमाखोरों के खिलाफ जो आवश्यक वस्तुएँ अपने गोदामों में रखते हैं। जब वस्तुआ के दाम बढ़ जाते हैं, तब उन्हें महंगे दामों में देश में बेचते हैं। यह जन सैलाब था उन शैक्षणिक भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जो शैक्षणिक अधिकार की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। निजी प्राथमिक, माध्यमिक व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के मालिक लाखों रुपए लेकर स्कूल में बच्चों को दाखिला देते हैं, निर्धन वर्ग के लोग अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में नहीं पढ़ा पाते।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द करने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आए थे। जब जन सैलाब भ्रष्टाचारियों के खिलाफ उमड़ेगा सरकार के कान खड़े होंगे और इसे कम करने की दिशा में कुछ करेगी। यही उम्मीद बांधे जन सैलाब उमड़ रहा था। करीब चार घंटे तक लोगों ने उत्साह के साथ भ्रष्टाचारियों के खिलाफ नारे लगाए। यह जनता है अगर चाहे तो कुछ भी कर सकती है। अगर इसी तरह लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएँगे तो निश्चित रूप से इसमें कमी आएगी।

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