Bhartiya Sanskriti aur Videshi Prabhav “भारतीय संस्कृति और विदेशी प्रभाव” Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 Students.

भारतीय संस्कृति और विदेशी प्रभाव

Bhartiya Sanskriti aur Videshi Prabhav

 

भारत प्राचीन देश है। यहाँ की अपनी परंपराएं हैं,समृद्ध जीवन-शैली है। प्रेम, पारिवारिकता और अध्यात्म यहाँ के मूल आधार हैं। यहाँ धन को नहीं, ज्ञान को सम्मान मिलता है। व्यक्ति को नहीं, परिवार को महत्त्व दिया जाता है। प्रतियोगिता नहीं सहयोग और प्रेम के आधार पर जिया जाता है। यहाँ मंथर और सुशांत गति से जीना सिखाया जाता है, सबको पछाड़कर आगे बढ़ना नहीं। परंतु जबसे भारत में पश्चिमी संस्कृति का बोलबाला हुआ, हमारे आदर्श बदल गए। हमने पूरी दुनिया को मुट्ठी में करने के सपने देखना शुरू कर दिए। हमने विदेशी आक्रमणकारिया की जीवन-शैली को अपनाया। अपनी संस्कृति को कूड़े-कचरे का ढेर समझ लिया और पश्चिमी सभ्यता को अमृत समझ लिया। परिणामस्वरूप परिवार टूटने लगे। व्यक्ति-जीवन का अहंकार और प्रगति हमारे मूलमंत्र हो गए। हम मनुष्य से अधिक महत्त्व सांसारिक पदार्थों को देने लगे। हम भी भौतिक प्रगति के अंधे कुएं में भटकने लगे। हमने अपने माता-पिता, रिश्ते-नाते और प्रेम-प्यार को व्यर्थ समझ लिया। हम भी मशीनीकरण की होड़ में अंधे हो गए। परिणाम यह हुआ कि आज भारत अपनी सांस्कृतिक पहचान खोता जा रहा है। हम भी अंग्रेज दीखने की होड़ में नकली जीवन जी रहे हैं।

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