भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियाँ
Bharatiya Vegyaniko ki Uplabhdiya
भारत विज्ञान के क्षेत्र में दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति कर रहा है। यहाँ 15 लाख से अधिक प्रशिक्षित वैज्ञानिक विज्ञान सेवा में रत है। न केवल चिकित्सा, कृषि, प्रतिरक्षा, उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स, ईंधन, ऊर्जा आदि के क्षेत्र में अनुसंधान हो रहे हैं, अपितु अंतरिक्ष विज्ञान में भी भारत प्रगति की राह पर अग्रसर हो रहा है।
भारत के पाँच प्रमुख बैज्ञानिक संगठन हैं:
- वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद्
- परमाणु शक्ति विभाग
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्
- प्रति रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन
- भारत भेषज अनुसंधान परिषद्। ।
चिकित्सा के क्षेत्र में भारत की वैज्ञानिक प्रगति विशेष उल्लेखनीय है। हृदयारोपण, गुर्दा-प्रत्यारोपण, टेस्ट-टयूब बेबी तथा अन्य ऑपरेशन अत्यन्त सफलतापूर्वक संपन्न किए जा रहे हैं। कृषि तथा पशपालन के क्षेत्र में भी विज्ञान की प्रगति संतोषजनक है। कृषि को उन्नत बनाने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादें विकसित हो रही हैं। बीजों की किस्म में सुधार हुआ है। खेती के लिए नए उपकरण बन रहे हैं।
विज्ञान ने भारतीय सेना को अत्याधुनिक अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित किया है। नए ढंग के वायुयान, राडार, तोपें, टैंक आदि विज्ञान की प्रगति को दर्शाते हैं। भारतीय वैज्ञानिकों ने औद्योगिक क्षेत्र में भी क्रांति का बिगुल बजा दिया है। ये उत्पाद अब विश्व के बाजार में महत्त्वपूर्ण स्थान बनाने में सफल हो गए हैं। इनकी गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार आया है। इलेक्ट्रॉनिक्स में भी हमारी उपलब्धियाँ उल्लेखनीय हैं। हमारे यहाँ निर्मित टेलीविज़न, फ्रीज आदि किसी भी दृष्टि से कम नहीं हैं।
भारत ने दूरसंचार के नवीनतम साधन विकसित कर लिए हैं। अब इनका फैलाब बढ़ता जा रहा है। अधिक-से-अधिक नगर-गाँवों तक इस सुविधा को पहुंचाया जा रहा है।
इस प्रकार भारतीय वैज्ञानिकों ने संतोषजनक प्रगति की है।