बढ़ती आबादी देश की बरबादी
Badhti Abadi Desh ki Barbadi
देश की आबादी लगातार बढ़ रही है और वह भी तेजी के साथ। जब भारत आजाद हुआ था तब यह आबादी करीब तीस लाख थी और 2012 की जनगणना के अनुसार एक करोड़ बीस लाख थी। इन चार सालों के दौरान उम्मीद की जा रही है कि यह एक अरब हो गई है। बढ़ती आबादी का एक कारण यह है कि जन्मदर में तो बढ़ोतरी हुई पर मृत्युदर घटी है। इसकी वजह यह है, कि अब देश में महंगे ही सही पर कारगर इलाज है, कारगर दवाइयाँ है। इसलिए मृत्युदर घटी है। जनसंख्या की अंधाधुंध बढ़ोतरी ने सरकारी योजनओं को फेल कर दिया है। जितनी जनसंख्या के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं उससे कहीं अधिक जनसंख्या बढ़ जाती है। सरकारी योजनाएँ धरी की धरी रह जाती है। बढ़ती आबादी से बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है. लोगों के पास काम धंधे नहीं रहे हैं। आने-जाने के साधनों का भारी अभाव है। सड़कों पर बसों व अन्य वाहनों का अभाव है। अगर बढ़ती आबादी पर फौरन ब्रेक नहीं लगाया तो यह आबादी एक दिन भयावह परिस्थितियों की वजह बनेगी।