सेना में महिलाओं की बढ़ती रुचि
Army mein Mahilao ki Badhti Ruchi
उत्तर-भारतीय सेनाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है। महिलाओं को कम संख्या और महत्त्वपूर्ण ऑपरेशन्स में उनकी भूमिका नगण्य को लेकर चर्चा होती रहती है। भारत में 1990 के दशक में महिलाओं ने आर्मी में जाना शुरू किया लेकिन अब तक यह आंकड़ा 1,610, एयर फोर्स में 1,561, और नौ सेना में 489 है। 14 लाख की मजबूत भारतीय सेना में ऑफिसर रेंक में इस समय महिलाएँ 14-15 साल तक ही अधिकतम सेवाएं दे पाती हैं। बहुत कम महिला अधिकारियों को ही स्थायी कमिशन में जगह मिलती है। महिलाओं को फाइटर जैट उड़ाने की अनुमति प्रायोगिक तौर पर ही मिली है। लेकिन युद्ध क्षेत्र, संकटग्रस्त इलाकों में महिलाओं की नियुक्ति अभी तक नहीं होती। इंडियन एयरफोर्स में इस वक्त करीब 100 महिला पायलट हैं। महिलाओं को हेलिकॉप्टर और ट्रॉसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाने की अनुमति है। नेवी में महिलाओं का पहला बैच इस वक्त ट्रेनिंग प्रक्रिया में है। बहुत से देशों में युद्ध ऑपरेशन में महिलाओं की भागीदारी का प्रावधान है, लेकिन ज्यादातर उन्हें इससे दूर रखा जाता है। भारत में सेना में महिलाएं रुचि ले रही है। पर्व रक्षा मंत्री ए के एंटोनी के समय सशस्त्र बल में महिला अधिकारियों को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया। सेना की आफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई में महिला अधिकारियों की सीटें बढ़ा कर 80 कर दी गई। पर ये सीटें चालीस ही भरी। हाल ही में एक मीडिया इंटरव्य में भारतीय सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत के मुताबिक भारतीय सेना अभी लड़ाकू भूमिकाओं में महिलाओं के लिए तैयार नहीं है। पहले उन्होंने कहा था कि लड़ाकू भूमिकाओं में महिलाओं की भर्ती की जा रही है और शुरुआत सेना पलिस के जवानों के रूप में होगी। अगर अधिकारियों के बयानों को नजरदोज कर दिया जाए तो वर्तमान में महिलाएं बड़ी संख्या में भर्ती में रुचि ले रही हैं। यह अलग विषय हो सकता है कि उन्हें लड़ाकु दस्तों में शामिल किया जाना चाहिए या नहीं। यों सेना में बहुत से ऐसे काम हैं जिन्हें महिलाएं बहुत कर्मठता से कर सकती हैं।