एक गाँव की यात्रा
A Trip to a Village
मैं शहर में रहता हूँ। मुझे गाँव की यात्रा करने की बहुत इच्छा थी। शीघ्र ही एक अवसर मिल गया। चचेरे भाई के विवाह में शामिल होने के लिए मुझे तथा मेरे परिवार को गाँव आने का निमंत्रण मिला । निर्धारित तिथि को हम लोग गाँव के लिए चल पड़े । अंतिम स्टेशन से गाँव की ओर जाने वाली सड़क ऊबड़-खाबड़ थी। थ्री व्हीलर हिचकोले खाकर चल रहा था । सड़क के दोनों ओर गेहूँ की फसल लगी थी । गाँव पहुँचा तो वहाँ शांति छायी थी । गौएँ खुले मैदान में चर रही थीं। गाँव के चारों ओर खेत और खलिहान थे। कुछ मजदूर औरतें गेहूं की फसल काटते समय गीत गा रही थीं। गाँव के कुछ मकान पक्के तो कुछ कच्चे थे । ग्रामीण हमें अजनबियों की तरह देख रहे थे । वे बहुत सादे और घरेलू वस्त्र पहने हुए थे । हमारी खूब आवभगत हुई । दूध, दही और हरी-ताजी सब्जियों का स्वाद ही कुछ अलग था । एक सप्ताह तक मैंने ग्रामीण जीवन का पूरा आनन्द उठाया । यहाँ की हरियाली, शांति और अपनेपन के दर्शन शहरों में दुर्लभ हैं।