कंप्यूटर की उपयोगिता
Essay No. 1
वर्तमान युग : विज्ञान का युग-विज्ञान के इस युग में मानव के लिए कुछ भी असंभव नहीं रह गया है। अपनी प्रतिभा, योग्यता तथा बुद्धि के बल पर उसने आज अनेक प्रकार के ऐसे आविष्कार कर लिए हैं जिन्हें देखकर सृष्टिकर्ता ब्रह्मा को भी चकित रह जाना पड़ेगा। कंप्यूटर भी एक ऐसा ही अद्भुत आविष्कार है।
कंप्यूटर : एक कृत्रिम मस्तिष्क-कंप्यूटर वास्तव में एक प्रकार का कृत्रिम मस्तिष्क है जो कुछ ही क्षणों में अनेक प्रश्नों के उत्तर दे सकता है, कठिन से कठिन गणनाएँ कर सकता है और वे भी पूरी तरह सही। गणित की जिन समस्याओं को सुलझाने में मनुष्य को पहले कई-कई घंटे लग जाते थे, वे समस्याएँ कंप्यूटर के द्वारा कुछ ही क्षणों में हल की जाती हैं। जरा सोचिए स्कूल बोर्ड के लाखों परीक्षार्थियों का परीक्षाफल तैयार करने में कितना समय लगेगा? फिर उनमें प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय श्रेणी में आने वाले विद्यार्थियों की गणना करना, विशेष योग्यता प्राप्त करने वालों की संख्या अलग से निकालना कितना कठिन काम होगा, परंतु कंप्यूटर की सहायता से यही काम दो-तीन दिनों में हो जाता है। कंप्यूटर का बटन दबाइए, उत्तर आपके सामने प्रस्तुत हो जाता है। एसा आश्चर्यजनक उपहार ‘अलादीन के चिराग’ से कम नहीं।
कंप्यूटर आविष्कर्ता-सन् 1642 में फ्रांस के वैज्ञानिक पॉस्कल ने संसार का सबसे पहला सरल कंप्यूटर बनाया था। उसके बाद से कंप्यूटर में सुधार होते गए तथा वैज्ञानिकों ने इसमें तरह-तरह की नई प्रक्रियाएँ विकसित की।
वर्तमान युग में कंप्यूटर की उपयोगिता-आज कंप्यूटर एक आवश्यकता बन गया है। इसका उपयोग कल-पुर्जे बनाने, डाक छाँटने, रोगी की चिकित्सा करने, टिकटों का आरक्षण करने, मौसम जो जानकारी देने, बैंकों में खाताधारियों का हिसाब-किताब रखने, विमान परिवहन, शिक्षा जैसे अनेक क्षेत्रों में किया जा रहा है। आज का सैन्य विज्ञान तो पूरी तरह कंप्यूटर पर ही आधारित है। विमानों को उड़ाने से लेकर शत्रु हमले के समय उन पर किस प्रकार आक्रमण किया; यह भी कंप्यूटर द्वारा ही तय किया जाता है। अंतरिक्ष विज्ञान तथा वैज्ञानिक अनुसंधानों में कंप्यूटर की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। वायुयान कितनी ऊँचाई पर उड़ रहा है तथा किस गति से उड़ रहा है, इसको कैसे मापेंगे? इसे कंप्यूटर बताएगा। आज कंप्यूटर द्वारा कंपोजिंग की जाती है। पहले पुस्तकों का मुद्रण हाथ की कंपोजिंग से होता था पर, आज वह कंप्यूटर द्वारा होने लगा है और वह भी घंटों का काम मिनटों में। कंप्यूटर से डिजाइन, ब्लॉक आदि मिनटों में बनने लगे हैं। भवन-निर्माण तथा फैशन की दुनिया में भी कंप्यूटर का ही बोलबाला है। कंप्यूटर पर ‘इनटरनैट सर्विस’ के शुरू हो जाने से समूचे विश्व की सूचनाएँ कुछ ही समय में एकत्रित की जा सकती हैं।
उपसंहार-कंप्यूटर बच्चों के लिए मनोरंजन का साधन भी है। इस पर तरह-तरह के खेल-खेले जा सकते हैं। वास्तव में कंप्यूटर एक जादूगर है जो अपने जादु से कुछ भी कर सकता है।
जीवन में कंप्यूटर की उपयोगिता
Jeevan me Computer ki Yupyogita
Essay No. 2
विचार-बिन्दु-• कंप्यूटर-युग • गुणनाओं में सुविधा • रेल-सेवाओं में आसानी • मुद्रण में क्रांति • संचारक्रांति में सहायक • रक्षा-उपकरणों में उपयोगिता • स्वास्थ्य सेवा में सहयोग।
आज हम कंप्यूटर-युग में जी रहे हैं। कंप्यूटर के पास ऐसा मशीनी मस्तिष्क है जो लाखों, करोड़ों गुणनाएँ पलक झपकते हो कर देता है। ये गुणनाएँ निर्दोष और साफ-सुथरी होती हैं। आप रेलवे बकिंग-केंद्र पर जाएँ। अब कंप्यूटर की कृपा से आप देश की किसी भी कंप्यूटरीकृत खिड़की से कहाँ से कहीं को टिकट बुक करा सकते हैं। मुद्रण क्षेत्र में आएँ। मुद्रण इतना कलात्मक, साफ-सुथरा और वैविध्य-भरा हो गया है कि पुरानी मशीनें अब बाबा आदम के जमाने की लगती हैं। संचार-क्षेत्र में कंप्यूटर ने क्रांति उपस्थित कर दी है। मोबाइल के बाद इंटरनेट ने मानो सारा संसार आपके ड्राईंग रूम में कैद कर दिया है। रक्षा के उन्नत उपकरणों में, हवाई यात्राओं में कंप्यूटर प्रणाली अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई है। भारत ने परमाणु विस्फोट अत्यंत उन्नत कंप्यूटरप्रणाली से किया। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कंप्यूटर ने अद्भुत सेवाएं प्रदान की हैं। बीमारी की जाँच करने, संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण करने, हृदय-गति मापने आदि में उसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है।