आँखों देखे हॉकी मैच का वर्णन
(Commentary of Hockey Match)
भूमिका-विद्यार्थी जीवन में यदि खेल न हो तो कक्षा की पढ़ाई नीरस हो जाती है। मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए शरीर को स्वस्थ रखना आवश्यक है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए, नति निर्माण परस्पर सहयोग और सहनशीलता की भावना बहुत उपयोगी है। हॉकी आज हमारा राष्ट्रीय खेल बन गया है। यह खेल राष्ट्र की प्रतिष्ठा है। ‘भारत का गौरव’ हॉकी रोमांचक खेल है। भारत के प्रत्येक भाग में हॉकी का खेल बहुत चाव से खेला जाता है।
आँखों देखे मैच का वर्णन-मैं हॉकी का खिलाड़ी हूँ। मैच खेलने के साथ-साथ देखने में जो आतंट मिलता है। उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। यहाँ मैं ‘क….उच्चतर माध्यमिक विद्यालय’ चतर माध्यमिक विद्यालय’ के बीच खेले गए फाइनल हॉकी मैच का वर्णन कर रहा हूँ। यह मैच गांधी मैदान में वसंत पंचमी के दिन खेला गया।
औन की तैयारियाँ-तीन बजे मैच खेलने की तैयारियाँ पूर्ण हो चुकी थीं। मैदान के एक ओर कुर्सियां लगी हुई थीं तथा दूसरी ओर बच्चों के बैठने के लिये दरियाँ बिछाई गई थीं। विद्यार्थी अपने स्थान पर बैठ चुके थे। नगर के गणमान्य व्यक्ति अपना स्थान ग्रहण कर रहे थे।
मुख्य अतिथि का आगमन तथा मैच का आरम्भ-ठीक साढ़े चार बजे मुख्य अतिथि के रूप में प्रांत के उप-शिक्षा निदेशक महोदय श्री कुलकर्णी जी पधारे। इस समय तक दोनों टीमों के खिलाड़ी अपनी-अपनी पोशाकों में हॉकी लिए मैदान में उतर चुके थे। ठीक चार बजकर चालीस मिनट पर निर्णायक ने सीटी बजाई और दोनों टीमों के कप्तानों ने टॉस किया। ‘क’ टीम ने टॉस जीता। दूसरी सीटी बजते ही मैच आरंभ हो गया।
खिलाड़ी बड़ी उत्साह के साथ खेलने लगे। क…टीम के खिलाड़ी विपक्षी टीम के खिलाड़ियों से गेंद छीन उनके गोल की ओर झपटे। राकेश शर्मा की हिट ने गेंद को विपक्ष के गोल में पहुँचा दिया। जहाँ गोलकीपर के प्रयत्न असफल रहे। क…उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थी तालियाँ बजाने लगे और उछल-उछल कर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने लगे। खेल पुनः आरंभ हुआ। इस बार ‘ख’ टीम के खिलाड़ी सतर्क और सक्रिय होकर खेल रहे थे। उन्होंने गोल करने की कई बार कोशिश की परंतु सफलता हाथ न लगी। इतने में मध्यांतर की सीटी बजी और खेल कुछ समय के लिए रुक गया।
मध्यांतर का दृश्य-मध्यावकाश में दोनों टीमों के विद्यालयों के विद्यार्थी, अध्यापक एवं अधिकारी गण अपनी-अपनी टीम का उत्साह बढ़ा रहे थे। ख…टीम के खेल प्रशिक्षक उन्हें सांत्वना दे रहे थे तथा मैच के दौरान जिन कमियों के कारण गोल हुआ, उन्हें समझा रहे थे।
मध्यावकाश के बाद का मैच-निर्णायक ने सीटी बजाई, खेल आरंभ हो गया। इस बार ख टीम अधिक फुर्ती से खेल रही थी। वे किसी भी तरह गोल को उतारना चाहते थे। दर्शकों की आँखें मैदान में विद्युत गति से इधर-उधर भागती गेंद पर जमी हुई थीं। दोनों टीम के खिलाड़ी पूर्णतया सतर्क थे। तभी निर्णायक की सीटी बजी। समय समाप्त हो चुका था। क…टीम को विजयी घोषित किया गया। उपस्थित जनसमूह ने क…टीम के खिलाड़ियों से हाथ मिलाया और मुख्य अतिथि के विचारों को सुनने के लिए बैठ गए।
पारितोषिक वितरण-मुख्य अतिथि महोदय ने खेल के राष्ट्रीय महत्व को बताया। विजयी टीम को शील्ड प्रदान की। दोनों टीमों के खेल की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। अन्त में राष्ट्र-गान के साथ सभा विसर्जित हो गई। सचमुच खेल का आनंद और वह भी हॉकी का अवर्णनीय है।