चाचा जी को उपहार के लिये धन्यवाद पत्र।
ए-3/7, शक्ति नगर,
दिल्ली-7
25 अप्रैल, 200…
परम पूज्य चाचाजी,
सादर चरण वंदना,
आज ही आपका पत्र मिला तथा पत्र के साथ उपहार स्वरूप घड़ी भी प्राप्त हुई जो आपने मुझे मेरे जन्म दिन के उपलक्ष्य में भेजी है। इतना बहुमूल्य उपहार प्राप्त कर किसे हार्दिक प्रसन्नता न होगी?
वास्तव में मैं पिछले कई दिनों से घड़ी की आवश्यकता अनुभव कर रहा था। समय का ठीक ज्ञान न होने पर विदयालय में कई बार दंड का भागी बन चुका था। घड़ी के अभाव में पढ़ाई सुचारु रूप से नहीं हो पा रही थी।
रात को पढ़ते-पढते यह पता नहीं चल पाता था कि क्या समय है। आपकी कृपा से इस समस से छुटकारा मिल गया।
आप द्वारा भेजी गई घड़ी की मेरे मित्रों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की है। सचमुच बहुत प्यारी पर है। आपके इस उपहार को मैं कभी भुला न पाऊँगा। यह मेरा मार्ग-दर्शन करती रहेगी तथा सदा आ स्नेह की याद दिलाती रहेगी।
मेरी ओर से पूज्या चाचीजी को सादर प्रणाम तथा रमा को प्यार।
आपका स्नेह पात्र
अमित