डोला बनर्जी
Dola Banerjee
जन्म : 2 जून, 1980
जन्मस्थान : झारखंड
डोला बनर्जी भारत की प्रथम तीरंदाज़ हैं जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया। उन्होंने 18वां ‘गोल्डन एरो ग्रैंड प्रिक्स टूर्नामेंट जीता। डोला ने 2006 के सैफ खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। उन्हें 2005 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
महिला तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पाने वाली प्रथम महिला खिलाड़ी होने का श्रेय डोला बनर्जी को जाता है। भारत में तीरंदाजी को मुख्य रूप से पुरुषों का खेल समझा जाता है, लेकिन डोला बनर्जी ने इस खेल में न सिर्फ भाग लिया, बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता भी अर्जित की।
डोला बनर्जी ने तीर से निशानेबाज़ी की शिक्षा टाटा आर्चरी अकादमी, जमशेदपुर से प्राप्त की। उन्होंने तीरंदाजी के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एकमात्र सफल खिलाड़ी होने का नाम कमाया है। न्यूयार्क में हुई 42वीं ‘विश्व आउटडोर टार्गेट आर्चरी चैंपियनशिप में अपने कुशल प्रयास से वह सफल रहीं और वह भारत की प्रथम तीरंदाज़ महिला बन गईं जिन्होंने ओलंपिक खेलों में भाग लेने के लिए क्वालीफाई कर लिया। हालांकि प्रसिद्धि व सफलता पा चुकी डोला की इस सफलता से किसी को अधिक आश्चर्य नहीं हुआ। वर्ष 2005 में टर्की के अंतल्य में हुआ 18वां गोल्डन एरो ग्रैंड पिक्स टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच डाला। वहाँ उन्होंने उक्रेनिया की तीसरी सीड खिलाड़ी तात्याना डोरोखोवा को हरा दिया।
2006 में कोलंबो में हुए सैफ खेलों में डोला बनर्जी ने अपनी प्रतिद्वन्दी रीना कुमारी को हराकर महिला तीरंदाजी का स्वर्ण पदक जीत लिया। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2005 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ देकर सम्मानित किया।
उपलब्धियां :
- डोला बनर्जी भारत की ऐसी महिला तीरंदाज़ हैं, जिन्होंने ओलंपिकमें भाग लेने के लिए क्वॉलीफाई किया था।
- डोला बनर्जी राष्ट्रीय स्तर की ऐसी सफल खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अन्तरराष्ट्रीयस्तर पर सफलता प्राप्त की है। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीयमहिला तीरंदाज़ हैं।
- वर्ष 2005 में उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया।
- 2006 में टर्की के अंतल्य में हुए सैफ खेलों में डोला ने स्वर्ण पदकजीता।