टेलीफोन का महत्व
Telephone ka Mahatva
अलेक्जेन्डर ग्राहम बेल नामक एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने टेलीफोन का आविष्कार किया। यह एक बहु उपयोगी आविष्कार साबित हुआ है। आज यह विलासिता न होकर आवश्यकता बन गया है। बड़े शहरों के अतिरिक्त गांवों में भी अधिक-से-अधिक लोग टेलीफोन का प्रयोग कर रहे हैं। जिन लोगों के पास निजी फोन नहीं है वे सार्वजनिक फोन बूथ से इसका लाभ उठाते हैं। टेलीफोन एक मशीन है जिसमें संख्या डायल होती है और एक रिसीवर जिसको उठा कर बात करते हैं। टेलीफोन एक्सचेंज (मिलान-केन्द्र) दो फोनों के मध्य दो स्टेशनों को जोड़ने का काम करता है।
हर टेलीफोन की अपनी एक संख्या होती है। एक शहर में एक संख्या के दो टेलीफोन नहीं हो सकते। किसी से बात करने के लिये हमें पहले उसका नम्बर (फोन संख्या) मिलाना (डायल करना) पड़ता है। टेलीफोन के आविष्कार से विश्व सिमट गया है। कोई भी व्यक्ति तुरन्त जब चाहे संसार के किसी भी कोने में बात कर सकता है।
अब तो मोबाइल फोन का युग है। युवा वर्ग में मोबाइल फोन बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं। इस फोन को घर में ही नहीं अपने साथ कहीं भी ले जाकर प्रयोग किया जा सकता है।
टेलीफोन वरदान है। आपातकालीन स्थिति में तो यह जीवन रक्षक बन जाता है।