स्कूल के बार खोमचे वालों द्वारा प्रदूषणयुक्त एवं स्वस्थ्य विरोधक खाद्य वस्तुओं को खाने की मनाही करने के लिए मुख्याध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखें।
Principal ko School ke bahar ganda khana bechne wale ke virudh patra
सेवा में
मुख्याध्यापक महोदय
एस० डी० सी० सै० स्कूल,
कपूरथला।
विषय-खाद्य वस्तुओं तथा प्रदूषण के संदर्भ में प्रार्थना-पत्र।
श्रीमान जी,
मैं इस प्रार्थना पत्र के द्वारा आपका ध्यान एक प्रदूषण की समस्याकी ओर दिलाना चाहता हूँ। आप भली-भांति जानते हैं कि ‘प्रदूषण’ का अर्थ है किसी वस्तु अथवा स्थिति का दोषर्पूण एवं गन्दा हो जाना। मैं इस पत्र के माध्यम से आपके सामने प्रदूषण सम्बन्धी अपने स्कूल की एक समस्या रखने जा रहा हूँ। स्कूल में जब आधी छुट्टी की घण्टी बजती है तो बच्चे स्कूल के बाहर जो चने भटूरे बेचने वाले, खोमचे वाले, चाट वाले या गोलगप्पे वाले, छाबड़ी या रेहड़ी लगाने वालों पर ऐसे टूट पड़ते हैं जैसे वे कई दिनों से भखे हो। मैंने तथा मेरे सहपाठियों ने इन वस्तुओं को बड़े ध्यानपूर्वक देखा है- इन पर काफी धूल मिट्टी पड़ी होती है। खाने के बाद बच्चे झूठी प्लेटें वहीं फैंक जाते हैं। उन पर मक्खियां भिनभिनाती हैं। कुछ रेहड़ी वालों के पास चीनी की प्लेटें हैं लेकिन वे भी अच्छी प्रकार से साफ नहीं करते। उन्हीं गंदी प्लेटों में ही अन्य बच्चों को खिलाया जाता है। यह बच्चों के लिए हानिकारक है।।
मेरी आप से विनम्र प्रार्थना है कि आप इस समस्या का कोई अवश्य समाधान निकालें। सचनापट पर नोटिस लगा दिया जाए कि कोई भी छात्र आधी छटटी के समय बाहर जाकर कुछ नहीं खरीदेगा। वैसे तो आधी छुट्टी के समय स्कूल का दरवाजा बन्द रखा जाए तो समस्या का समाधान हो सकता है।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप बच्चों की सेहत का ध्यान रखते हुए अवश्य ही इसके लिए उचित समाधान करेंगे।
धन्यवाद सहित
आपका आज्ञाकारी शिष्य
रमनदीप
कक्षा नवम (ग)