‘निबन्ध लेखन‘
ESSAY-WRITING
जब सीमित शब्दों में किसी विषय का वर्णन किया जाता है, तो ऐसी रचना को निबन्ध कहते हैं। यह अंग्रेजी शब्द Essay का पर्यायवाची है। निबन्ध लेखन हिन्दी की महत्त्वपूर्ण विद्या है। स्कूल कॉलेज तथा विश्वविद्यालय की प्रायः हर परीक्षा में निबन्ध पूछा जाता है। प्रायः देखा गया है कि छात्र पाठ्य पुस्तकों पर अधिक ध्यान देते हैं तथा निबन्ध जैसे महत्त्वपूर्ण प्रश्न पर ध्यान नहीं देते। निबन्ध लेखन एक कला है। निबन्ध में सीमित समय में अपने विचारों को क्रमबद्ध ढंग से, सीमित शब्दों में तथा प्रभावशाली ढंग से व्यक्त किया जाता है।
किसी भी निबन्ध को मुख्य रूप से तीन भागों में बाँटा जा सकता है।
(क) आरम्भ (प्रस्तावना, Introduction) किसी निबन्ध का सामान्य परिचय देना।
(ख) मध्य भाग (विषय-वस्तु, Content) निबन्ध की समूची विषय-वस्तु।
(ग) अंत (उपसंहार Conclusion) निबन्ध का अंत या निष्कर्ष।
अच्छा निबन्ध कैसे लिखें?
अच्छा निबन्ध लिखने के लिए आपको निम्नलिखित बातों पर विशेष ध्यान देना जरूरी है।
(क) आप, जिस विषय पर निबन्ध लिखना चाहने हैं, उसके बारे में जितनी भी जानकारी इकट्ठी कर सकते हो, कीजिए।
(ख) फिर उस जानकारी को तीन भागों में बाँट लेना चाहिए। अत: निबन्ध की रूपरेख (Outline) बना लीजिए।
(ग) रूपरेखा के अनुसार अपनी बात को पृथक-पृथक अनुच्छेदों में लिखिए।
(घ) निबन्ध की भाषा सरल तथा मौलिक होनी चाहिए।
(ङ) अनावश्यक बातों का वर्णन निबन्ध में नहीं होना चाहिए।
(च) शब्दों की सीमा का ध्यान रखें।
अच्छे निबन्ध के गुण:
(क) निबन्ध की भाषा विषय के अनुरूप होनी चाहिए।
(ख) निबन्ध के भाव जो अलग-अलग अनच्छेदों में व्यक्त किए गए हैं, एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
(ग) निबन्ध के मध्य भाग में विषय के सभी पहलुओं का वर्णन किया जाना चाहिए।
(घ) निबन्ध के अन्त में निबन्ध का सारांश दिया जाना चाहिए।
(ङ) अच्छे निबन्ध में कोई गल्त सूचना नहीं होनी चाहिए।
निबन्ध मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं:
(क) विवरणात्मक (Narrative)
(ख) वर्णनात्मक (Descriptive)
(ग) विचारात्मक (Reflective)
(घ) भावात्मक (Emotional)
हिंदी में निबंध लिखने का सही तरीका और हिंदी निबंध कितने प्रकार के होते हैं |