Hindi Essay on “Crow ”, “कौवा”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

कौवा

Crow 

यह कौवा है। इसका रंग काला होता है। यह हर जगह पाया जाता है। तथा यह भारत के हर राज्य, हर प्रांत में देखने को मिल जाता है। यह अपने पंखों की सहायता से आकाश में उड़ता है। कौवे का रंग काला होता है। तथा बीच में गर्दन के पास इसका रंग स्लेटी भी होता है। इसकी तीखी आँखें होती है। जिससे यह दूर-दूर की वस्तु आसानी से देख सकता है। इसकी लम्बी पैनी चोंच होती है जिससे यह अपने शिकार को आसानी से खा जाता है। प्रायः कौवे मांसाहारी होते हैं इन्हें मांस खाना अत्यधिक पसन्द होता है। इसके साथ यह रोटी तथा ब्रेड भी खा लेता है। यह बहुत चालाक होता है। तथा प्राय: बच्चों के हाथ से यह रोटी छीन लेता है। यह आकाश में अत्यधिक ऊँचाई तक उड़ सकता है। यह अपना घोंसला कम ही बनाता है। तथा यह इतना चालाक होता है कि अपने अंडे को कोयल के घोंसलें में रख देता है। और कोयल इन्हें अपना बच्चा समझकर पाल लेती है।

यह बहुत बहादुर तथा तेज होता है। इसकी आवाज बहुत कर्कश होती है। तथा यह काँव-काँव की आवाज निकालता है जो कि सुनने में बहुत बेसुरी लगती है। कोई भी इसे पालतू बनाने को तैयार नहीं होता। ऐसा भी कहा जाता है कि जब यह घर के ऊपर काँव-काँव करता है तो कोई मेहमान आने वाला होता है। वह हमेशा छोटे पक्षियों को सताता रहता है। वह बहुत धूर्त जानवर होता है।

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