अपनी बड़ी बहन को पत्र द्वारा सूचना दीजिए कि तुम हाई स्कूल की परीक्षा के बाद लघु उद्योग को आरम्भ करने का निश्चय कर चुके हो।
परीक्षा भवन,
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आदरणीय दीदी,
सादर प्रणाम ।
दीदी पिछले पत्र में मैंने लिखा था कि में हाई स्कूल की परीक्षा में द्वितीय स्थान पर आया है। आज ही आपका पत्र प्राप्त हुआ जिसमें आपने जानकारी चाही है कि आगे मेरा क्या कार्यक्रम है। दीदी, जो भाग्य में लिखा है उसे कौन टाल सकता है। मैंने जो सोचा। या शायद वह पूरा न हो सकेगा। वैसे में भाग्यवादी नहीं हैं। कुछ करना चाहता है। आपको तो सारे घर की हालत का पता ही है। पिताजी की मृत्य के पश्चात् आपके सहारे ही इस घर की आर्थिक समस्या दूर हो रही है। दीदी कुछ दिनों में आप भी पराई हो जाओगी। यही सोचकर मैंने फैसला किया है कि में स्वावलम्बी बनकर अपने घर को चिन्तामुक्त करूँ।। में ल, उद्योग आरम्भ करना चाहता है। आप सोचोगी लघु उद्योग के लिए पैसा कहाँ से जाएगा। इसका भी ईश्वर ने सहारा बना दिया है। मेरे दोस्त के चाचा जी का हीजरी का उद्योग है। जब उन्होंने मेरे आगामी कार्यक्रम के बारे में पूछा, तो मैंने उन्हें सारी स्थिति की जानकारी दे दी। वह कछ सोचकर बोले बेटे घबराने की कोई बात नहीं। पैसा में। लगाऊंगा। काम तुम करोगे । वह अत्यन्त मेहनती व ईमानदार व्यक्ति है। मुझे ऐसे ही पथप्रदर्शक की आवश्यकता थी। साथ ही उन्होंने मुझे आश्वासन भी दिया कि तुम आगे भी पढ़ाई जारी रख सकते हो। इसीलिए मैंने फैसला किया है कि मैं लघु उद्योग ही शुरू करूंगा, जिससे हमारे घर की आर्थिक स्थिति को सुधार हो। दीदी आपके आशीर्वाद व अनुमति की राह देखूगा, जिससे मेरे सपने साकार होंगे। माता जी को चरण वन्दना कहना। सीमा को प्यार करना।
पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में।
आपका भाई,
गगन टूटेजा
दिनांक : 20 अप्रैल 1999