अपने मित्र को क्षमायाचना करते हुए एक पत्र लिखिए जिसमें विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए कि आप समय देने के बाद भी क्यों नहीं उपस्थित हो सके।
परीक्षा भवन,
25 जनवरी,
प्रिय वारिंदर,
मुझे काफी दुःख है कि मैं राजपत्रित पद पर पदोन्नति के सम्मान में तुम्हारे द्वारा दिए गए प्रीतिभोज में उपस्थित नहीं हो सका। मैंने तुम्हारा आमंत्रण सधन्यवाद स्वीकार कर लिया था और इसे अपनी डायरी में लिख लिया था। मुझे उस दिन उस समय किसी और से मिलना भी नहीं था। मैं कभी भी ऐसे मिलनसार साथी को खोना नहीं चाहता। तुम मुझसे नाराज होगे। किंतु यदि मैं तुम्हें अपनी अनुपस्थिति की परिस्थितियों के बार में बताऊँगा तो तुम निश्चित रूप से मुझे क्षमा कर दोगे।
जब मैं तुम्हारे घर जाने के लिए तैयार हो रहा था उसी समय मुझे सिविल अस्पताल से दूरभाष पर एक संदेश मिला और यह कहा गया कि मेरी माँ को यहाँ लाया गया है। वह रिक्शा में एक संबंधी के घर से अपने घर लौटते समय एक दुर्घटना में घायल हो गई थीं। मुझे सदमा लगा और मैं शीघ्र ही अस्पताल पहुँचा। उनकी जाँच करने के बाद चिकित्सक ने कहा कि उनकी बाईं बाँह की हड्डी थोड़ी-सी टूट गई है। मुझे दवा की दुकान से प्लास्टर खरीदने के लिए जाना पड़ा। चिकित्सक ने उनकी हड्डी को बैठाया और उनकी बाँह पर प्लास्टर कर दिया। मुझे पूरी रात वहीं बितानी पड़ी। मैं एक घंटा पहले ही माँ को लेकर घर लौटा हूँ। इन्हीं परिस्थितियों में मैं तुम्हारे पास नहीं आ सका। ऐसा संयोग नहीं होता तो मैं प्रीतिभोज में जरूर शामिल होता। मैं आशा करता हूँ कि तुम मुझे क्षमा कर दोगे।
तुम्हारा सच्चा मित्र,
(क)