Hindi Patra Lekhan “Sampadak ko sadkon par avyavasthit yatayat ke bare me jankari dete hue ek patra” Class 10 and 12.

समाचारपत्र के सम्पादक को सड़कों पर अव्यवस्थित यातायात के बारे में जानकारी देते हुए एक पत्र लिखिए।

सम्पादक,

‘दि इंडियन एक्सप्रेस’,

नई दिल्ली।

महोदय,

कल मैं पुरानी दिल्ली के यातायात जाम में फंस गया। मुझे कार से केवल तीन किलोमीटर दूरी तय करने में लगभग ढाई घंटे लग गए। इस दुःखद और निराशाजनक अनुभव का मुख्य कारण व्यस्त चांदनी चौक क्षेत्र में अव्यवस्थित यातायात था। वहाँ पुलिस कांस्टेबल नजर भी नहीं आया जिससे गाड़ी वाले, जानवर, साईकिल वाले, रिक्शा वाले, तांगा वाले, दोपहिया वाहन वाले, तिपहिया वाहन वाले, कार वाले, बस वाले और पैदल आदमी अपने गन्तव्य तक पहुँचने के लिए एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे। इस परिस्थिति की कल्पना अच्छी तरह की जा सकती है। व्यस्ततम काल के दौरान मानवता रूपी समुद्र में धक्का-मुक्की और अघोषित लड़ाई ने मेरे क्रोध को और बढ़ा दिया।

यह आश्चर्य की बात है कि ऐसी व्यस्त सड़क का यातायात नियंत्रित एवं व्यवस्थित नहीं हो सका है। क्षेत्र के भीड़-भाड़ के कारण सड़क को कई लेन में विभाजित करना एवं पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ बनाना भी संभव नहीं है। किंतु यातायात पुलिस इसे नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक 50 मीटर पर कांस्टेबल को नियुक्त कर सकती है। यदि संभव हो, तो सड़क के एक भाग को कुछ अवधि के लिए रोककर आने वाले यातायात को सुरक्षित मार्ग प्रदान करना चाहिए। मैं आशा करता हूँ कि संबंधित संस्था राजधानी के ऐसे व्यस्त और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में व्यवसायियों और व्यापारियों तथा दुकानदारों की उचित माँग की जाँच-पड़ताल करेगी।

5 जुलाई,

भवदीय,

(क)

Leave a Reply