आप एक अमरीकी नागरिक हैं और अमरीका में भारत के पर्वों से संबंधित कुछ कार्यक्रमों में आप शामिल हुए हैं। भारत में अपने एक मित्र को पत्र लिखकर उसे बताइए कि इस अनुभव ने भारत के बारे में आपके विचार कैसे बदल दिए है।
परीक्षा भवन,
19 जुलाई,
प्रिय ललित,
मैं साधुओं, भिखारियों, नागों और बाजीगरों के देश, भारत से काफी प्रभावित हुआ। यह धारणा मेरे दिमाग में बचपन एवं युवावस्था में पुस्तकों को पढ़ने से बनी थी।
जब मैं भारत का पर्व देखने गया तो मैं सचमुच साधुओं और साँपों को खोज रहा था। मैं काफी चकित हुआ जब इनमें से किसी को नहीं देखा और इसके विपरीत, मुझे पाँच हजार वर्ष पूर्व भारत की उत्कृष्ट कला, मूर्तिकला और हस्तशिल्प देखने को मिले।
भारत के नृत्य लुभावने एवं संगीत मोहक होते हैं। भारत की चित्रकारी अनोखी, अद्वितीय एवं लाजवाब होती है और भारतीय पाक-विधि का कहना ही क्या ? यह सचमुच किसी भी अमरीकी या यूरोपीय भोजन से ज्यादा स्वादिष्ट होता है। अब मैं तुम्हारे देश का स्थायी प्रशंसक बन गया हूँ और हर रात मुझे यह स्वप्न में नजर आता है।
तुम्हारे देश की सुंदरता, कलात्मक एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में मेरी जिज्ञासा तब तक शांत नहीं हो सकती जब तक मैं ताजमहल, हिमालय, गंगा एवं कला, कलाकारों और शिल्पकारों के भंडार वाले इस देश को नहीं देख लेता।
इसलिए, मैं अगली शीत ऋतु में भारत भ्रमण की योजना बना रहा हूँ और इससे संबंधित किसी सहायता और दिशा-निर्देश के लिए आभारी रहूँगा।
तुम्हारा सच्चा मित्र,
(क)