श्रीपाद अमृत डांगे
Shripad Amrit Dange
(Former Member of the Lok Sabha)
जन्म: 10 अक्टूबर 1899, करंजगांव
निधन: 22 मई 1991 (उम्र 91 वर्ष), मुंबई
- श्रीपाद अमृत डांगे का जन्म मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता एक क्लर्क थे । नासिक से प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद सन् 1918 में विल्सनकॉलेज में प्रवेश ले लिया ।
- 19 वर्ष की उम्र से ही वह अपने पिता को ‘शेयर’ के काम में सहयोग देने लगे थे और उन्हें इस व्यवसाय जगत की अच्छी जानकारी हो गई थी। सन् 1918 में ‘इंफ्लुएन्जा’ रोग के फैलने पर उन्होंने मिल मजदरों के बीच जाकर काम किया।
- वह गांधीजी के चलाए असहयोग आंदोलन में भी सहयोगी बने। परंतु असहयोग की विफलता के बाद गांधीजी के सिद्धांतों से उनका मोहभंग हो गया ।
- उन्होंने सन् 1921 में ‘गांधी वर्सेस लेनिन’ नामक पुस्तक लिखी । उनके समाजवाद संबंधी विचारों से एम.एन.राय बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने भारत में द सोशलिस्ट’ नामक पहली समाजवादी पत्रिका का प्रकाशन प्रारंभ किया ।
- वे चाहते थे कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अंतर्गत भारतीय कम्युनिस्ट एक भित्र दल के रूप में कार्य करे; इसीलिए उन्होंने ‘भारतीय समाजवादी मजदूर संघ’ की घोषणा कर दी।
- सन् 1924 में कानपुर षड़यंत्र कांड के सिलसिले में उन्हें जेल भेज दिया गया ।
- सन् 1927 तक वे मुंबई के वाणिज्य संगठनों में बहुत सक्रिय हो चुके थे । उन्हें अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस का महासचिव चुना गया । उन्होंने गिरनी-कामगार संघ के मजदूरों का नेतृत्व किया ।
- सन् 1929 में ‘मेरठ षड़यंत्र’ के अभियोग में एक बार फिर जेल भेज दिए गए । जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने भारतीय ट्रेड यूनियन’ के आंदोलन को अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन संघ से जोड़ दिया ।
- सन् 1946 में उन्हें मुंबई विधानसभा के लिए चुना गया । कम्युनिस्ट पार्टी के विभाजन के बाद एक बार फिर से उनको पार्टी अध्यक्ष चुना गया ।
- श्री डांगे भारत के वाणिज्य संघ और कम्युनिस्ट आंदोलन के सूत्रधार रहे।