यशपाल
Yashpal
लेखक
जन्म : 3 दिसंबर 1903, फिरोजपुर
निधन: 26 दिसंबर 1976, भारत
- क्रांतिकारी लेखक यशपाल का जन्म हीरालाल के घर हुआ। उनकी माता प्रेम देवी छावनी की आर्य पाठशाला में पढ़ाती थीं। पर्याप्त आर्थिक साधन न होने के कारण बालक यशपाल को शिक्षा के लिए एक संबंधी के घर काशीपुर भेजा गया ।
- यशपाल एक हिंदी भाषा के लेखक थे, जिन्हें कभी-कभी प्रेमचंद के बाद सबसे प्रतिभाशाली लेखक माना जाता है।
- सन् 1921 में उन्होंने मैट्रिक तथा लाला लाजपतराय द्वारा स्थापित नेशनल कॉलेज से बी.ए. पास किया। यहाँ वे भगतसिंह, सुखदेव जैसे क्रांतिकारियों के साथ हो गए।
- उन्होंने लाहौर में बम बनाए। लार्ड इरविन की गाड़ी को बम से उन्होंने ही उड़ाया। उन्हें कठोर कारावास की सजा हुई।
- सन् 1936 में रिहा होने के बाद उन्होंने ‘विप्लव’ नामक पत्रिका निकाली।
- उन्होंने 1976 में अपने उपन्यास, मेरी तेरी उसकी बात के लिए हिंदी भाषा साहित्य अकादमी पुरस्कार जीता और पद्म भूषण के प्राप्तकर्ता भी थे।
- साहित्य में उनकी रुचि विद्यार्थी जीवन से ही थी। स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े होने के कारण उनकी कई कृतियों में इसकी झलक मिलती है।
- ‘पिंजरे की उड़ान’, ‘वो दुनिया’, ‘धर्मयुद्ध’, उत्तराधिकारी’, ‘सच बोलने की भूल’ आदि उनके कहानी-संग्रह हैं ।
- उनके प्रमुख उपन्यास – झूठा सच, दादा कामरेड, देशद्रोही, अप्सरा का सच व अमिता आदि हैं । उन्होंने यात्रा वृत्तांत भी लिखे हैं।
- 26 दिसंबर 1976में उनका निधन हो गया ।