संपादक के नाम पत्र लिखिए जिसमें समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार के प्रति आपकी चिंता व्यक्त की गई हो।
सेवा में
मुख्य संपादक
दैनिक जागरण
नई दिल्ली-110001
विषय : समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार के संबंध में।
मान्यवर
मैं आपके जनप्रिय पत्र के माध्यम से समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार की विकट समस्या के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करना चाहता हूँ। आज समाज में पैसों की भूख बढ़ती जा रही है। उसका मूल कारण है जीवन की बढ़ती हुई माँगें। आज चारों ओर आपाधापी, लूट-खसोट, झुठ-फरेब और पाखंड का बोलबाला है। भ्रष्टाचार आज समाज में गहरी पैठ बना चुका है। उसे हटाने या समाज से निकालने का उपाय संभव नहीं है। व्यवस्था का यह हाल है कि ऊपर से लेकर नीचे तक सभी भ्रष्ट हैं, ऐसे में कौन किसे रोकेगा या ठीक करने का प्रयत्न करेगा यह पता नहीं। आज हम सभी असहाय बने उसे समय का सच मानकर वस्तु-स्थिति से समझौता किए बैठे हैं। व्यक्तिगत, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, शैक्षिक, सरकारी व गैर-सरकारी कोई भी क्षेत्र उस रोग से मुक्त नहीं है। देश के कर्णधार कहे जाने वाले नेता आज भ्रष्टता के सबसे बड़े उदाहरण बने हुए हैं। इन नेताओं ने अपने स्वार्थ के लिए पुलिस व नौकरशाही को भी अपने दुराचारों में शामिल कर लिया है। पुलिस की वर्दी दागदार है, सरकारी कार्यालयों में घूस के पहियों के बिना फाइल नहीं चलती। हर आदमी उस कमाई की उम्मीद में बैठा है जिसके लिए उसने कोई मेहनत नहीं की है। आज उस व्यक्ति को सभी सलाम कर रहे हैं जो सबसे अधिक भ्रष्ट है। सच्चाई और दृढ़ता के साथ जीवन जीने वालों को कमजोर और डरपोक माना जा रहा है। यह स्थिति समाज के लिए बहुत घातक बन गई है।
समय की मांग है कि युवा पीढ़ी आगे आए और दृढ़-संकल्प के साथ समाज में नए मूल्यों की स्थापना करे। आज आवश्यकता है ऐसे लोगों की जो देश के प्रति समर्पण का भाव रखते हों। वर्तमान व्यवस्था में आमूल-परिवर्तन की आवश्यकता है। यह असंभव नहीं है, केवल देश की युवा पीढी में त्याग-बलिदान का अलख जगाने की जरूरत है। मेरा आपसे अनुरोध है कि भ्रष्टाचार विरोधी इस अभियान में आपका पत्र प्रभावी भूमिका अदा करे जो देश को इस विकट स्थिति से बाहर लाने में सहायक हो।
सधन्यवाद
भवदीय
अ०ब०स०
न्यू सिविल लाइंस
रोहतक