चतुराई से कठिन काम भी संभव है
Chaturai se Kathin kaam bhi sambhav hai
किसी नगर में एक व्यापारी रहता था। दुर्भाग्य से उसकी सारी संपत्ति समाप्त हो गई, इसलिए उसने सोचा कि किसी दूसरे देश में जाकर व्यापार किया जाए। उसके पास एक भारी और मूल्यवान तराजू था। उसका वजन बीस किलो था। उसने अपने तराजू को एक सेठ के पास धरोहर रख दिया और व्यापार करने दूसरे देश चला गया।
कई देशों में घूमकर उसने व्यापार किया और खूब धन कमाकर वह घर वापस लौटा। एक दिन उसने सेठ से अपना तराजू माँगा। सेठ बेईमानी पर उतर आया, बोला, “भाई तुम्हारे तराजू को तो चूहे खा गए।’
व्यापारी ने मन-ही-मन कुछ सोचा और सेठ से बोला, “सेठजी, जब चूहे तराजू को खा गए तो आप कर भी क्या कर सकते हैं! मैं नदी में स्नान करने जा रहा हूँ। यदि आप अपने पुत्र को मेरे साथ नदी तक भेज दें तो बड़ी कृपा होगी।”
सेठ मन-ही-मन भयभीत था कि व्यापारी उस पर चोरी का आरोप न लगा दे। उसने आसानी से बात बनते देखी तो अपने पुत्र को उसके साथ भेज दिया। स्नान के बाद व्यापारी ने लड़के को एक गुफा में छिपा दिया। उसने गुफा का द्वार चट्टान से बंद कर दिया और अकेला ही सेठ के पास लौट आया।
सेठ ने पूछा, “मेरा बेटा कहाँ रह गया ?” इस पर व्यापारी ने उत्तर दिया, “जब हम नदी किनारे बैठे थे तो एक बड़ा सा बाज आया और झपट्टा मारकर आपके पुत्र को उठाकर ले गया।”
सेठ क्रोध से भर गया। उसने शोर मचाते हुए कहा, “तुम झूठे और मक्कार हो। कोई बाज इतने बड़े लड़के को उठाकर कैसे ले जा सकता है? तुम मेरे पुत्र को वापस ले आओ, नहीं तो मैं राजा से तुम्हारी शिकायत करूँगा।”
व्यापारी ने कहा, “आप ठीक कहते हैं।” दोनों न्याय पाने के लिए राजदरबार में पहुँचे।
सेठ ने व्यापारी पर अपने पुत्र के अपहरण का आरोप लगाया। न्यायाधीश ने कहा, “तुम सेठ के बेटे को वापस कर दो।” इस पर व्यापारी ने कहा, “मैं नदी के तट पर बैठा हुआ था कि एक बड़ा सा बाज झपटा और सेठ के लड़के को पंजों में दबाकर उड़ गया। मैं उसे कहाँ से वापस कर दूँ?” न्यायाधीश ने कहा, “तुम झूठ बोलते हो। एक बाज पक्षी इतने बड़े लड़के को कैसे उठाकर ले जा सकता है ?”
इस पर व्यापारी ने कहा, “यदि बीस किलो भार की मेरी लोहे की तराजू को साधारण चूहे खाकर पचा सकते हैं तो बाज पक्षी भी सेठ के लड़के को उठाकर ले जा सकता है।”
न्यायाधीश ने सेठ से पूछा, “यह सब क्या मामला है ?”
अंततः सेठ ने स्वयं सारी बात राजदरबार में उगल दी। न्यायाधीश ने व्यापारी को उसका तराजू दिलवा दिया और सेठ का पुत्र उसे वापस मिल गया।
सीख : चतुराई से कठिन काम भी संभव है।