डॉ० पट्टाभि सीतारमय्या
Bhogaraju Pattabhi Sitaramayya
मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल
जन्म: 24 नवंबर 1880, गुंडुगोलानु
मृत्यु: 17 दिसंबर 1959, हैदराबाद
- (डॉ०)पट्टाभि सीतारमय्या आंध्र प्रदेश राज्य में एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता और राजनीतिक नेता थे।
- डॉ० पट्टाभि सीतारमय्या का परिवार निम्न-मध्यम वर्गीय था। जब वह दो वर्ष के हुए तो उनके पिता का देहांत हो गया।
- उनकी शिक्षा-दीशा एलुरू में हुई। बुद्धिमान होने के कारण विद्यार्थी जीवन में उन्हें बहुत से पुरस्कार एवं छात्रवृत्तियाँ प्राप्त हुई। अपनी मेहनत और लगन से वे चिकित्सक बन गए।
- सन् 1906 से वह राजनीति में भाग लेने लगे।
- 1912-13 के वर्षों के दौरान, जब आंध्र के लिए एक अलग प्रांत बनाने की वांछनीयता पर एक बड़ा विवाद था, उन्होंने “द हिंदू” और अन्य पत्रिकाओं में भाषाई प्रांतों के तत्काल गठन की आवश्यकता की व्याख्या करते हुए कई लेख लिखे।
- उन्होंने मातृ भाषा में शिक्षा पर जोर दिया। इस बीच वे लगातार गांधीजी के निकट आते गए। उनके लिए गांधीजी ‘पूर्ण-पुरुष’ थे। एक तरह से वे गांधीजी के प्रवक्ता बने और उनके चलाए हर आंदोलन में भाग लिया।
- सन् 1948 में वह कांग्रेस अध्यक्ष बने।
- स्वतंत्र भारत में कुछ समय के लिए मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे।
- उन्होंने अंग्रेजी में ‘गांधीज्म एण्ड सोशिएलिज्म’, ‘खद्दर’, ‘इंडियन नेशनलिज्म’ आदि अनेक पुस्तकें लिखीं ।
- 17 दिसम्बर 1959 को हैदराबाद में उनका निधन हो गया।