दुर्गाबाई देशमुख
Durgabai Deshmukh
भारतीय राजनीतिज्ञ
जन्म: 15 जुलाई 1909, काकीनाडा
मृत्यु: 9 मई 1981, नरसनपेटा
- दुर्गाबाई देशमुख का जन्म मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
- पिता का देहांत जल्दी हो जाने से छोटी उम्र में ही वह परिवार की देखभाल करने लगीं। उनकी माँ जिला काँग्रेस समिति की सचिव थीं।
- सन् 1952 में उनका विवाह चिंतामणि देशमुख से हुआ।
- श्रीमती देशमुख बचपन से ही रूढ़िवादी संस्कारों के विरुद्ध थीं। परिवार के विरुद्ध जाकर उन्होंने हिन्दी का अध्ययन किया।
- तेरह वर्ष की अल्पायु में ही ‘बालिका हिन्दी पाठशाला’ प्रारंभ की। उनके इस प्रयास ने गांधीजी को भी मुग्ध कर दिया।
- दुर्गाबाई में देश-प्रेम की भावना बढ़ती गई। उन्होंने खाटी आंदोलन में भाग लिया। सन् 1921 में काकीनाड़ा में महिला सम्मेलन’ का आयोजन किया। मद्रास नमक सत्याग्रह में भाग लेकर जेल गईं।
- जेल से बाहर आकर छब्बीस वर्ष की आयु में उन्होंने अध्ययन प्रारंभ किया और बी.ए., एम.ए., एल.एल.बी. की उपाधियां प्राप्त की। अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, फ्रेंच आदि कई भाषाओं में दक्षता प्राप्त की। सन् 1942 में वकालत पास करके मद्रास में वकालत शुरू कर दी।
- सन् 1946 में उनको संविधान सभा का सदस्य बनाया गया। ‘स्टीयरिंग कमेटी’, सामयिक संसद की सदस्या रहीं। कई वर्षों तक केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्षा रहीं।
- इस पद पर रहते हुए उन्होंने ‘आंध्र महिला सभा’ की स्थापना की। इन संस्थाओं से महिलाओं, बच्चों और अपंगों को विशेष सहायता मिली।
- उन्होंने ‘सोशल वेलफेयर इन इंडिया’ की रचना की। उनको आंध विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया। उनको नेहरू लिटरेसी अवार्ड’ और पद्मविभूषण से भी सम्मानित किया गया ।