टेलीफोन और मोबाइल
Telephone aur Mobile
फोन ग्राहम बेल ने मानव सुविधा हेतु टेलीफोन का आविष्कार किया था। इस यंत्र के आविष्कार से दूर बैठे मित्र-संबंधियों से बातचीत सुगम हो गई थी। आज उस आधारभूत टेलीफोन में अन्य कई सुविधाएँ जुड़ गईं हैं
जिससे दूरभाष का अनोखा विकास हुआ है। आज शहर, गाँव, तालुका सभी टेलीफोन से जुड़े हुए हैं। दूर शहरों में बात करना सरल और सस्ता होता जा रहा है। आज गाँवों में बैठा किसान, जमींदारों की बात पर
अंधविश्वास न कर, स्वयं अन्न आदि के सही दाम का पता लगा लेता है। अब मित्र-संबंधियों की सेहत और खुशहाली दूर बैठे भी पता चल जाती है।
किसी के घर जाने से पूर्व टेलीफोन द्वारा आज्ञा लेना आजकल का चलन बन गया है। यदि आप घर पर उपलब्ध नहीं भी हैं तो भी मोबाइल द्वारा आपसे कहीं भी बात की जा सकती है। रिलयंस जैसी बड़ी कंपनियों ने मोबाइल फोन जन-सामान्य के लिए उपलब्ध करवा देश में आधुनिकता की लहर दौड़ा दी है।
सामान्यत: पुलिस व विशेष विभागों में आतंकी हमलों की खबर मोबाइल वार्ता से ही पता लगा पाती है। आज मोबाइल और टेलीफोन हर घर की आवश्यकता है। समय की बचत का यह सरल स धन है। आज छोटे-बड़े सभी व्यवसायी अपनी सुविधाएँ टेलीफोन व मुफ़्त होम डिलीवरी द्वारा घरघर पहुँचाते हैं। ग्राहम बेल का यह आविष्कार देश-विदेश की जीवनरेखा बन गया है।