स्वास्थ्य एवं जीवन
Swasthay avam Jivan
प्रकृति के विभिन्न रंगों का आनंद हम तभी उठा सकते हैं जब हमारा शरीर स्वस्थ हो, हमारा मन प्रसन्न हो। किसी रोग से बिस्तर पर पड़ जाने पर हमें उदासी और हताशा महसूस होती है। वहीं, ठीक होते ही खुली हवा हमें अति सुहाती है।
स्वस्थ शरीर एक उपहार की तरह है जिसको बनाए रखना केवल हमारे हाथ में ही है। धन, अच्छे कपड़े, भोजन, गाड़ियाँ रोगी शरीर के मन को कभी प्रफुल्लित नहीं कर सकते।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें जीवन में कुछ नियम बना लेने चाहिए। व्यायाम और खेल कूद हमारे जीवन का सहज हिस्सा होना चाहिए। इनका नियमित रूप से अभ्यास आवश्यक है।
खान-पान का भी हमारे स्वास्थ्य पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। प्राय: तैलीय व चटपटा खाना खाकर हम कई घंटों तक असुविधा महसूस करते हैं। इस प्रकार के भोजन के साथ कई रोग भी जुड़े हैं। हरी सब्जी, फल, दूध, दाल, अंडे इत्यादि हमारे शरीर को चुस्त, रोगमुक्त रखते हैं और हमारी कार्य क्षमता भी बढ़ाते हैं।
हमारी जीह्वा के स्वाद और हमारा आलस्य हमारे स्वस्थ शरीर के सबसे बड़े शत्रु हैं। इन पर विजय पाना ही उत्तम है