Vikas ke Path par Bharat “विकास के पथ पर भारत” Hindi Essay 400 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

विकास के पथ पर भारत

Vikas ke Path par Bharat

देश 21वीं शताब्दी में है इस समय देश जितनी प्रगति कर रहा है उतनी पिछली किसी भी शताब्दी में नहीं हो पाई है इसके कई कारण हैं जिनमें सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है भारत के विज्ञान की ओर बढ़ते कदम। किसी ने यह सोचा भी न था कि भारत दुनिया के सभी देशों से पहले मंगलयान में एक अहम उपलब्धि हासिल कर पाएगा। 14 सितम्बर 2015 में आखिर वह लम्हा आ पहुंचा जिसने भारत को यह महत्त्वपूर्ण सफलता दिलाई पूरी दुनिया दाँतों तले उँगली दबा कर बैठ गई। अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस जैसे देश कई बरसों से इस मिशन की कामयाबी में लगे हुए थे लेकिन उन्हें सफलता न मिल पाई और भारत में यह हासिल कर लिया। इससे बड़ा दूसरा क्या सुबूत हो सकता है कि भारत दिन-ब-दिन तरक्की के मयार छूता चला आ रहा है।

भारत में किडनी प्रत्यारोपण में हृदय प्रत्यारोपण में और भी अन्य चिकित्सा क्षेत्रों में एक अहम उपलब्धि हासिल की है। पूरी दुनिया हिन्दुस्तान की इस तरक्की पर हैरान है आखिर ये तरक्की देश क्यों कर रहा है इसके पीछे भारत का युवा एवं अनुभवी दिमाग है। इसी के बल पर आज विश्व में भारत इतरा रहा है। – हम भारत में हो रहे बड़े बदलावों और विकास कार्यों की दहलीज़ पर खड़े हैं। यह हर भारतीय के लिए उम्मीदों से भरा दौर है। यह एक ऐसा दौर है जिसमें वे बेहतर जिन्दगी और बेहतर देश का ख्वाब देख सकते हैं। लिहाजा यही वह वक्त है, जब हम भविष्य के भारत का ताना-बाना बुनें। हालांकि जब हम सावधानीपूर्वक इस ओर देखें कि देश क्या बन सकता है वो हमें इस तथ्यात्मक तस्वीर को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए कि भारत का एक गौरवशाली अतीत भी है, न सिर्फ आर्थिक समद्धि के पैमाने पर बल्कि नैतिक मूल्यों के पैमाने पर भी। हमें भारतीय होने पर गर्व है और उन मूल्यों पर भी, जो भारत के साथ जडे हैं। हमारी आध्यात्मिक विरासत और उच्च नैतिक आदर्श ही हमें दूसरों से जुदा करते हैं और विकास की अपनी दौड में हमें इन्हें किसी भी हालत में अनदेखा नहीं करना चाहिए। सुनहरे अतीत के बावजूद, बेशुमार जंगों और विदेशी अतिक्रमणों ने भारत को दुनिया के मुकाबले कई सौ साल पीछे धकेल दिया था। आज़ादी के बाद, स्थिति सुधरनी शुरू हुई।

Leave a Reply