जहाँ सोच, वहाँ शौचालय
Jahan Soch, Waha Shochalaya
जहाँ सोच स्वस्थ होगी. वहीं शौचालय का निर्माण होगा। इसका भाव यह है कि हमारे मन में यह भावना पैदा होनी चाहिए कि हमें स्वच्छ रहना है। जब मन में यह विचार पैदा होगा तो हम शौचालय के निर्माण की आवश्यकता समझेंगे। हमारी इस सोच से समस्त भारत स्वच्छ होगा। इस समय भारत में खास तौर से गाँवों में लोग खुले में शौच जाते हैं। इससे देश में गंदगी फैलती है और तरह-तरह की बीमारी पैदा होती है। भारत को स्वच्छ बनाने के लिए वर्तमान सरकार ने ‘स्वच्छ भारत अभियान शुरू’ किया है। यह काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर शुरू हुआ है। हालाँकि इससे पहले भी इस ओर ध्यान दिया जाता रहा है पर नई सरकार यह काम पूरा करने के लिए पूरे उत्साह के साथ जुट गई है। अधिकारियों को इस काम के लिए विशेष रूप से लगाया गया है। प्रधानमंत्री की इच्छा अनुसार इस योजना को साकार रूप दिया जा रहा है। अब गाँव-गाँव, घर-घर में शौचालय बनेंगे। देश में स्वच्छता होगी और सब स्वस्थ होंगे।