स्वच्छता अभियान
Swachata Abhiyan
स्वच्छता अभियान भारत में नया नहीं है यह सदियों पहले से चला आ रहा है। यजुर्वेद में एक मंत्र आता है.”ऊँ विश्वानि देवसवितरितानि परोसुव। यद्भद्रतन्न आसुव। इसका अर्थ है: हे प्रभो। हमारे मन में व्याप्त समस्त दूषितता दूर कर दो, शुभ्रता प्रदान करो। इसके अतिरित इतिहास-पुराणों में भी ऐसे उदाहरणों को खोजा जा सकता है। परन्तु यह अभियान कुछ शताब्दियों से ठप्प पड़ गया। नतीजा यह निकला कि घर, आँगन, गाँव-शहर, गली-मुहल्ले, नदी-नाले. पृथ्वी-पर्वत, वन प्रदेश आदि अस्वच्छ रहने लगे। पर्यावरण असंतुलित रहने लगा, दूषित होने लगा। अनेक किस्म की बीमारियों ने सर उठाना शुरू कर दिया। 1948 में महात्मा गाँधी ने स्वच्छता आंदोलन शुरू किया। लेकिन 1948 में उनकी निर्मम हत्या हो गई। आजादी के बाद विभिन्न सरकारों ने अपने-अपने तरीके से स्वच्छता अभियान जारी रखा लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं निकले। सन् 2014 में नई सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया। दो अक्तूबर 2014 को महात्मा गाँधी की 145 वी जयन्ती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकल्प लिया कि 2019 तक संपूर्ण भारत को स्वच्छ बना देंगे। स्वच्छता अभियान सफल बनाने में उत्प्रेरक के रूप में कई हस्तियों का चुनाव किया गया। जिनमें भारत रत्न सचिन तेंदुलकर, राजनेता शशि थरुर, टेलीविजन धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की पूरी टीम, फिल्म अभिनेता सलमान खान, कमेडियन कपिल शर्मा, उद्योगपति अनिल अंबानी, फिल्म अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, योगगुरु बाबा रामदेव। ये सभी भारत को स्वच्छ बनाने के लिए तन-मन-धन से जुट गए। धीरे-धीरे इस अभियान में अन्य भारतीय प्रतिभाएं भी जुटती चली गई जिनमें उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, रामकथा मर्मज्ञ स्वामी रामभद्राचार्य, नृत्यांगना सोनल मानसिंह आदि हैं। यह ऐसा अभियान है जिसमें सरकारी गैर-सरकारी कोई भी केवल दो घंटे अपना आस-पास स्वच्छ कर जुड़ सकता है। इसमें सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं से आग्रह किया गया है कि भारत को स्वच्छ रखने में सहयोग दें। इसके परिणाम भी मिलने लगे.