आपकी असंतोषजनक प्रगति के बारे में विद्यालय के प्रधानाचार्य ने आपके पिताजी को पत्र लिखा है। इस संदर्भ में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए पिताजी को पत्र लिखिए।
ममता सेन
568/ए, रवींद्र नगर
कोलकाता
दिनांक : 15 मार्च, 2015
आदरणीय पिताजी
सादर चरण-स्पर्श!
आशा है, घर में सब कुशल-मंगल होगा। मैं यहाँ पढाई में संलग्न हूँ। पिछली परीक्षाओं में में अधिक अच्छे अंक नहीं ले पाई। गणित और भौतिकी में कुछ अध्याय मुझे ठीक-से समझ नहीं आए थे। इस कारण इन दोनों परीक्षाओं में मैंने कुछ प्रश्न बिना हल किए छोड़ दिए थे। अब मैंने अपने अध्यापकों से अलग समय लेकर वे प्रश्न समझ लिए हैं। अब मुझे कोई कठिनाई नहीं है। आशा है, आगे से आपको मेरी कोई शिकायत सुनने को नहीं मिलेगी।
माताजी को चरण-स्पर्श तथा स्नेहा को स्नेह!
आपकी
ममता सेन