11, आबिदा मार्ग, लखनऊ की कृति की सखी रमा को चोट लगी है। उसकी ओर से एक संवेदना-पत्र लिखिए।
कृति
11, आबिदा मार्ग
लखनऊ
15 अक्तूबर, 2014
प्रिय रमा
आशा है अब तुम स्वस्थ होगी। कल किरण से पता चला कि तुम्हारे साथ दुर्घटना घटित हो गई है और तुम अस्पताल में दाखिल हो। अस्पताल का नाम सुनकर ही मन में कुशंकाएं आने लगती है। किरण ने बताया कि तुम साइकिल पर सवार थीं और एक ट्रक ने पीछे से तुम्हें टक्कर मारी। भगवान का शुक्र है कि तुम अपने बाई ओर गिरी, वरना न जाने क्या हो गया होता। जितना बचाव हो जाए, उतना ही अच्छा। मुझे अब तुम्हारी चोट की कल्पना करके ही दुख हो रहा है। यह भी ईश्वर की कृपा है कि हड़ी पर चोट नहीं आई, सिर्फ ऊपरी घाव और खरोंचें आई हैं। ईश्वर करेगा, ये सब चोटें उचित उपचार से शीघ्र ठीक हो जाएँगी। मुझे तुम्हारे साथ पूरी सहानुभूति है। अच्छा होता, अगर मैं तुम्हारे पास आकर तुम्हारी कुछ सेवा कर पाती। किंतु परीक्षाओं के कारण अब आना नहीं हो सकेगा।
आशा है तुम शीघ्र स्वस्थ हो जाओगी। तुम दिलेर हो। तुम्हारी दिलेरी ही तुम्हें स्वस्थ कर देगी।
माता-पिता और शैलेश को मेरी नमस्ते देना।
तुम्हारी ही
कृति