Chunav ke karan Muhalle ki diware poster se gandi ho gai ha is par dhyan dete hue sampadak ko patra,” चुनाव के कारण मुहल्ले की दिवारे पोस्टर से गंदी हो गई है इस पर संपादक को पत्र “

चुनाव के कारण आपके घर की दीवारें नारे लिखने और पोस्टर चिपकाने से गंदी हो गई हैं। इस समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए हिंदुस्तान दैनिक के संपादक को पत्र लिखिए।

 

 

सेवा में

संपादक

हिंदुस्तान दैनिक

नई दिल्ली

विषय-चुनावी पोस्टरों की समस्या

महोदय

निवेदन है कि मैं चुनावी पोस्टरों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए निम्नलिखित विचार जनता तक पहुँचाना चाहती हूँ। कृपया इन्हें छाप कर कृतार्थ करें।

अभी पिछले सप्ताह चुनाव समाप्त हुए हैं। उसके बाद भी चारों ओर ऐसा नजारा है मानो अभी चुनाव आगे होने हैं। हर गली-नक्कड बड़े-बड़े पोस्टरों और नारों से भरा है। कुछ पोस्टर उखड़कर लूटके पड़े हैं। वे रात में हिल-हिलकर भत का भ्रम पैदा करते हैं। हमारी व्यक्तिगत समस्या यह है कि चुनाव के अधड़ म पाटिया के लोग नारे तो लिख गए। अब इन्हें मिटाए कौन? रंग-रोगन कौन करवाए? क्या पोस्टर भी नागरिक अपने खच पर उतरवाएँ? क्या राजनीतिक दलों की या नगर-निगम की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती?

मरा सरकार से अनुरोध है कि वह पोस्टरबाजी और नारेबाजी का भी कोई नियम बनाए। निजी दीवारा आर मकाना पर नार लिखन-छापने संबंधी कोई कानन होना चाहिए। फिलहाल सबसे बड़ी जरूरत यह है कि जल्दी-से-जल्दी इन पास्टरा, नारों को साफ करवाया जाए। इसमें नगर-निगम आगे आए।

भवदीया

सीमा नागपाल

51 बी, सैक्टर 13

पॉकेट-A

पलवल

दिनांक-17.3.2014

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