बढ़ती हुई महंगाई पर चिंता प्रकट करते हा किसी दैनिक समाचार-पत्र के पर चिंता प्रकट करते हुए किसी दैनिक समाचार-पत्र के प्रधान संपादक को पत्र लिखिए।
सेवा में
प्रधान संपादक
हिंदू
चेन्नई
महोदय
मैं आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र में बढ़ती हुई महँगाई पर अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूँ। आशा है, आप इसका महत्त्व समझते हुए पाठकों के स्तंभ में अवश्य स्थान देंगे।
आज भारतवर्ष में दो खतरे ऐसे हैं, जो हमें पग-पग पर दिखाई पड़ते हैं-जनसंख्या-वृद्धि और दामों में वृद्धिा जनसंख्या-विस्फोट का झटका तब लगता है, जब हम भीड में जाते हैं। महंगाई का झटका घर बैठे भी लग जाता है। जब पता चलता है कि आलू-प्याज के भाव 80-90 रु. किलो हो गए हैं। आम 80 रु. अंगूर 200 रु., केला 60 रु. दर्जन, गहू 30-35 रु. किलो, पैट्रोल 80 रु. ली., ट्यूशन फीस सैकड़ों रुपये और कंप्यूटर फीस हजारों रुपये हो गई है तो सांस उखड़ जाती है। भगवान न करे, कभी डॉक्टर के पास जाना पड़े। छोटे-छोटे इलाज पर ही हजारों रुपये खर्च हो जाते हैं। सच कह तो आज जीना दूभर हो गया है। महँगाई का खर्च अमीर लोग तो पूरा कर लेते हैं, लेकिन मजदूरों की बुरी बन आती है।
मेरी सरकार से प्रार्थना है कि इस महजोर महँगाई को लगाम दे वरना इसके कारण अनेक गरीब बेमौत मारे जाएंगे।
भवदीय
सलिल
502/टी. नगर
चेन्नई
दिनांक-12 मार्च, 2015