Hindi Essay on “Chidiyaghar ki Sair”, “चिड़ियाघर की सैर”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

चिड़ियाघर की सैर

Chidiyaghar ki Sair

5 Hindi Essay on ” Chidiyaghar Ki Sair”

निबंध नंबर:- 01

सरदी के दिनों में पाठशाला में पिकनिक के कई कार्यक्रम बनते हैं। हमारी कक्षा के हिस्से चिड़ियाघर की सैर आई

शनिवार को हमें पाठशाला से बस द्वारा चिड़ियाघर ले जाया गया। सबने लाइन से चिड़ियाघर में प्रवेश किया।

सीढ़ियों से उतरते बाईं ओर बनी झील में हमें सुंदर पक्षी नजर आए। कुछ तैर रहे थे तो कुछ इधर-उधर पेड़ों पर बैठे थे और कुछ घोंसलों में भी नजर आए।

इसके बाद हिरन, चिंपाजी, नीलगाय और सुंदर पक्षियों के बड़ेबड़े घोंसले नजर आए। हमनें मगरमच्छ, हाथी, दरियाई घोड़े और बंदर भी देखे। सभी जगह यह हिदायत लिखी थी – कृपया जानवरों को कुछ न खिलाएँ ।

फिर जिराफ़, सिंह, बाघ और चीता देख हमने वहीं चादर बिछाई सबने भरपेट खाना खाया और पाठशाला की ओर लौट आए।

जानवरों और पक्षियों के करतब और मीठी आवाज़ मुझे रात भर सपने में आते रहे।

निबंध नंबर:- 02

चिड़ियाघर

Chidiyaghar 

दिल्ली का चिड़ियाघर भारत भर में मशहूर है। यह भी एक पर्यटक-स्थल है। इसे प्रतिदिन हज़ारों देशी-विदेशी पर्यटक देखने आते हैं। यह पुराने किले के नज़दीक मथुरा रोड पर है। यह शुक्रवार को छोड़कर प्रतिदिन खुला रहता है। इसमें व्यस्कों का प्रवेश शुल्क 10 रुपए और बच्चों का प्रवेश शुल्क 5 रुपए है। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का टिकट नहीं लगता है। चिड़ियाघर में यदि कोई व्यक्ति कैमरा या वीडियो कैमरा ले जाना चाहे, तो इसका भी शुल्क देना पड़ता है। व्यक्तिगत प्रयोग के लिए रुपए और कमर्शियल (व्यापारिक) प्रयोग के लिए 500 रुपए शुल्क लगता है।

हम चिडियाघर बस, तिपहिया (ऑटोरिक्शा), टैक्सी या मैट्रो रेल से जा सकते हैं। यह निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के नजदीक है। इसलिए रेल से आने वालों के लिए भी चिड़ियाघर देखना सुविधाजनक है। इसके नजदीक केन्द्रीय सचिवालय का मैट्रो स्टेशन भी है। इसके अतिरिक्त इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (हवाई अड्डा) भी इसके नजदीक है। अत: यातायात की सुविधा की दृष्टि से दिल्ली का चिड़ियाघर देखना अत्यंत सुविधाजनक है।

दिल्ली के चिड़ियाघर में हजारों प्रकार के पशु-पक्षी और सर्प आदि हैं। देश में पाए जाने वाले सभी प्रकार के हिरन हैं। रेवा के श्वेत बाघ हैं, तेंदुआ है, सियार हैं, गेंडा हाथी हैं, हिप्पो (दरियाई घोड़ा) है, काले हिरन हैं, बब्बर शेर हैं, शतुरमुर्ग हैं, कई प्रकार के तोते, बंदर एवं लंगूर हैं। सामान्य हाथियों के अलावा लम्बे-लम्बे दाँत वाले विशालकाय हाथी भी हैं, जेब्रा, जिराफ और विभिन्न प्रकार के जंगली जानवर हैं।

दिल्ली के चिड़ियाघर में प्रवेश करते ही छोटे-छोटे तालाबों में बतखें, बगुले एवं अन्य प्रकार के जल के पक्षी देखने को मिल जाएँगे। जाड़ों में तो यहाँ विदेशी पक्षियों का बसेरा हो जाता है। यहाँ सैंकड़ों तरह के पेड़-पौधे हैं। प्रत्येक वृक्ष पर उसका नाम भी लिखा हुआ है। यहाँ एक ‘कल्पवृक्ष’ का पेड़ भी है। कहते हैं कि इसे छूकर हम जो भी इच्छा करते हैं, वह पूरी हो जाती है।

सभी जीव-जन्तुओं के लिए अलग-अलग अहाते (बाड़ा) अथवा पिंजरे हैं। अधिकांश लोग पैदल ही चिड़ियाघर देखते हैं, परंतु पर्यटकों के लिए यहाँ बैटरी से चलने वाली छोटी गाड़ियाँ भी उपलब्ध रहती हैं, जो थोड़ा-सा शुल्क देकर हमें मिल जाती हैं। हम पूरा चिड़ियाघर पैदल पैदल दो घंटे में देख सकते हैं। यहाँ एक कैंटीन भी है जहाँ पर्यटकों के लिए खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था है। चिड़ियाघर में दर्शकों के लि पानी जैसी सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध हैं। चिड़ियाघर में दर्शकों के लिए पानी के अलावा अन्य खाद्य पदार्थ ले जाने की अनुमति नहीं है। यहाँ जानवरों को कुछ खिलाने और उन्हें छेड़ने की भी अनुमति नहीं है।

पर्यटकों को चाहिए कि वे दोपहर से पहले चिड़ियाघर देखने आ क्योंकि दोपहर के बाद, अक्सर गर्मी के महीनों में, जानवर आराम करने के लिए इधर-उधर छिप जाते हैं। उस समय उन्हें देख पाना कठिन होता है। सप्ताहांत में (शनिवार-रविवार) चिड़ियाघर में बहुत भीड़ रहती है। इसलिए स्थानीय लोग सप्ताहांत में चिड़ियाघर देखने नहीं आते।

चिड़ियाघर बच्चों के लिए अति प्रिय पर्यटन स्थल है। दुर्लभ पशु-पक्षियों के कारण यह सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है। सभी सोचते हैं कि वे कम से कम एक बार दिल्ली का चिड़ियाघर अवश्य  देखें।

निबंध नंबर:- 03

चिड़ियाघर की सैर

Chidiyaghar ki Sair 

जब मेरे स्कूल की दशहरे की 10 दिन की छुट्टियाँ पड़ी, तो मैं अपने माता-पिता के साथ कोलकाता (कलकत्ता) का चिड़ियाघर देखने गया। पिताजी ने बताया कि चिड़ियाघर में हर प्रकार के-जल, थल और वाय में रहने वाले-जीव-जन्तु तथा पशु-पक्षी देखने को मिलते हैं।

कोलकाता में हम अपने मामा के यहाँ ठहरे थे। मैंने कोलकाता में चिड़ियाघर देखने से पहले और भी प्रमुख स्थानों का भ्रमण किया। कोलकाता का चिड़ियाघर देश का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह बहुत प्रसिद्ध चिड़ियाघर है। चिड़ियाघर वह स्थान है जहाँ विभिन्न प्रकार के पक्षी और पशु होते हैं। ये पशु-पक्षी विश्व के विभिन्न स्थानों से लाए जाते हैं। विश्व का सबसे बड़ा और सबसे अच्छा चिड़ियाघर लंदन में है। भारत में दिल्ली, जयपुर, लखनऊ, जोधपर और कोलकाता में चिड़ियाघर सुविख्यात हैं। दूर-दूर से लोग इन्हें देखने आते हैं।

हम सुबह 9 बजे चिड़ियाघर देखने पहुंचे। वहाँ प्रत्येक वयस्क का 10 रुपए और बच्चे का 5 रुपए प्रवेश शुल्क था। पहले हमने टिकट खरीदे और फिर मुख्य द्वार से प्रवेश किया। चिड़ियाघर बहुत लंबे-चौड़े विशाल क्षेत्र में फैला हुआ था। हमने वहाँ बहत सारे विशिष्ट और अजनबी पशु-पक्षी देखे। तत्पश्चात् हम जंगली जानवरों को देखने दूसरी ओर  गए।

हमने वहाँ चीता, शेर, तेंदुआ, पैंथर और भालू देखे; जो लोहे के बने बड़े-बड़े पिंजरों में बंद थे। वहाँ काले, भूरे और सफेद रंग के भालू थे। एक अन्य अहाते (बाड़ा) में हमने घोड़े, गधे, खच्चर, ऊँट, हिरण, भेड़, ज़ेब्रा, हाथी और अन्य जंगली जानवर देखे। बहुत लंबी गरदन वाले शतुरमुर्ग देखे; तीन कंगारू और गुरिल्ला देखे। वहाँ एक अन्य कमरे में हमने अनेक प्रकार के साँप, बिच्छू, रंगीन मछलियाँ और सैंकड़ों बंदर देखे। कुछ बंदरों के मुँह लाल थे, तो कुछ के मुँह काले थे। तालाब में एक पेड़ देखा, जिस पर तोता, कुक्कू, कबूतर, मोर, सारस, गौरैया, बतख आदि अनेक पक्षी चहचहा रहे थे और कुछ तालाब में तैर रहे थे। कुछ विदेशी पक्षी थे, जो वहाँ मैंने पहली बार देखे थे।

मेरा चिड़ियाघर देखना बहुत ज्ञानवर्धक रहा। मुझे अनेक पशु-पक्षियों का ज्ञान हो गया और जंगली जानवरों ने मेरे विज्ञान के ज्ञान में बढ़ोतरी की, साथ ही बहुत आनंद भी आया। मैंने वहाँ खूब उछल-कूद और मौजमस्ती की। वो चिड़ियाघर की सैर मुझे सदैव स्मरण रहेगी।

निबंध नंबर:- 04

चिड़ियाघर का भ्रमण

Chidiya Ghar ka Bhraman

चिड़ियाघर में हर तरह के जानवर रखे जाते हैं। चिड़ियाघर में जानवर अलग-अलग पिंजरों और बाड़ों में रहते हैं। पिछले माह मैं अपने पिता के साथ अपने शहर का चिड़ियाघर देखने गया।

यह बहुत बड़ा है और 35 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें चारों ओर कई किस्मों के पेड़-पौधे बत्तख, हंस एवं अन्य किस्मो के पेड़-पौधे लगे हुये हैं। इसमें मानव निर्मित झील है, जिसमें बतख, हंस एवं अन्य कई पानी के पंछी तैरते देखे जा सकते हैं।

चिड़ियाघर में पशु एवं पक्षियों का एक बड़ा समूह है। मैं उन्हें देख कर चकित हो गया। कुछ पशु बड़े-बड़े बाड़ों में रखे गये हैं जबकि अन्य तालाब एवं छोटी-छोटी झीलों में रहते हैं।

मुझे सफेद बाघ, जिराफ, गेंडा, चीता एवं दरियाई घोड़ा देखने की बहुत इच्छा थी। हमें बन्दरों को देखने में बहुत मज़ा आया, जो सब जानवरों से अधिक चुस्त और फरतीले दिखाई दे रहे थे। पक्षियों के अनुभाग में मैंने मार, बगुले, तोते, कोयल, एवं मैना देखे। तोतों ने हमारी बातों की नकल करके हमारा मनोरंजन किया। इसके बाद हमने एक मगरमच्छों का जोड़ा दखा। वह कीचड़ भरे पानी के किनारे पर लेट कर धूप का आनन्द उठा रहा था।

संक्षेप में, चिड़ियाघर देखना एक सुखद अनुभव था जिससे हमें विभिन्न पशुओं के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला।

निबंध नंबर:- 05

चिड़ियाघर की सैर

A Visit to a Zoo

चिड़ियाघर में विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षियों को रखा जाता है । चिड़ियाघर की सैर करने में बहुत मजा आता है । इससे हमारी जानकारी में वृद्धि होती है। पिछले रविवार मैं अपने मित्रों के साथ चिड़ियाघर की सैर पर गया था । यह चिड़ियाघर दिल्ली के प्रगति मैदान के निकट स्थित है । सर्वप्रथम हमने जल में विहार करते बत्तखों और हंसों को देखा। आगे बढ़ने पर हमें बंदरों और लंगूरों के दर्शन हुए। बंदर पेड़ की शाखाओं पर उछल-कूद मचा रहे थे । निकट ही अनेक जंगली पशु पिंजरों में बंद थे । शेर, बाघ, भेड़िया, भालू, लामडी और जेबरा अलग-अलग पिंजरों में थे । शेर की दहाड़ बहुत भयानक थी। शेरनी अपने बच्चों के साथ खेल रही थी । हमने यहाँ विशालकाय हाथियों को देखा । एक हाथी सूंड से अपने शरीर पर मिट्टी फेंक रहा था । फिर हम लोगों ने चिड़ियाघर में कुछ हिरनों और कंगारुओं को देखा । अब हम लोग शीशे के केबिन में बंद पक्षियों और साँपों को देखने लगे। अजगर नींद में था । काला नाग कुंडली मारे बैठा था । अंत में हमने हाथी की सवारी का आनंद उठाया । फिर हम लोग घर लौट आए।

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