भारतीय किसान
Bhartiya Kisan
भारत की संस्कृति कृषक-संस्कृति है। भारतीय किसान सीधा-सादा जीवनयापन करता है। सच्ची बात को सीधे-सादे शब्दों में कहना उसका स्वभाव है। भारतीय किसान बड़ा कठोर जीवन जीता है। वह शरीर से हष्ट-पुष्ट रहता है। माँ धरती और प्रकतिखेलन के कारण न उसे बीमारियां घेरती हैं, न मानसिक परेशानियाँ। भारत के अधिकतर किसान ग़रीबी में जीते हैं। पास थोड़ा जमीन है। छोटे किसान दिन-भर मेहनत करके भो भरपेट खाना नहीं जुटा पाते। अधिकतर किसान निरक्षर हैं। अज्ञान के कारण वे अंधविश्वासों में आस्था रखते हैं। इस कारण वे परिवार को सीमित रखने का महत्त्व नहीं समझते। परिणामस्वरूप उनका परिवार बढ़ता जाता है और जमीन कम होती जाती है। फिर उनके जीवन में खुशहाली कैसे आए? अज्ञानता के कारण ही व्यापारी लोग उन्हें आसानी से लूट लेते हैं। आवश्यकता है कि किसानों के बच्चों को सस्ती शिक्षा दी जाए। उनके उत्पादन को ऊँचे दामों पर बेचने का प्रबंध किया जाए।