कौए से कबेलवा हुंसियार
Kove se Kabelva Husiyar
देहाती रूप है-“कौआ से कबेलवै (कौए का बच्चा) हुसियार।”
कोई कौआ अपने बच्चे को सिखलाने लगा कि जब किसी को ढेला उठाते देखो तो फौरन उड़ जाना। उसने कहा, “अगर वह पहले से ही हाथ में ढेला लिए हो तब?”
“तब तुम्हें कुछ कहना-समझाना नहीं है, तुम मुझसे ज्यादा होशियार हो।”