अढाई दिन सक्केने भी बादशाहत की
Adhai Din Sakkene bhi Badshahat ki
एक बार हुमायूं बादशाह लड़ाई में हार गया। वह जान बचाने को घोड़े सहित नदी में कूद पड़ा। घोड़ा जांघ-तले से निकल गया। बादशाह गोते खाने लगा। देखा कि किनारे पर निजाम नाम का भिश्ती खड़ा दरिया में से मशक भर रहा है। जान बचाने को उसे पुकारा। बादशाह को वह पहचानता था। जवाब दिया. “अढ़ाई दिन के लिए मुझे बादशाह बनाइए तो मैं आपको बचाऊं।”
हुमायूं ने मंजूर किया। अढ़ाई दिन के लिए वह बादशाह हुआ। कहते हैं उस बीच उसने अपनी बादशाहत की यादगार में चमड़े का सिक्का चलाया, जिसमें सोने की एक कील थी।