जंगली पशु
Wild Animals
जंगल में अनेक प्रकार के पशु-पक्षियों का निवास स्थान है । जंगल में रहने वाले पशुओं को जंगली पशु कहा जाता है । जंगली पशु धरती की शोभा बढ़ाते हैं । ये जंगल की सुरक्षा का कार्य करते हैं । जंगली पशु हमारे पर्यावरण को संतुलित रखने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
जंगल में विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी रहते हैं। इनमें से कई शाकाहारी तो कई मांसाहारी होते हैं । शाकाहारी पशु पेड़ों की पत्तियाँ, फल, मूल आदि खाकर जीवित रहते हैं । मांसाहारी पशु शाकाहारी पशुओं का शिकार करके खाते हैं । इस प्रकार जंगल में सभी प्रकार के प्राणियों का संतुलन बना रहता है । जंगल के सभी जीवों का भोजन जंगल से ही प्राप्त होता है । जंगल से उन्हें पानी भी मिलता है । जंगल में या उसके आस-पास झरना, नदी, तालाब या झील अवश्य होते हैं । यहाँ आकर जंगली पशु अपनी प्यास बुझाते हैं। हाथी जैसे कुछ पशु जलाशयों में स्नान कर अपने शरीर को ठंडा रखते हैं।
जंगली जीवों के संसार में शेर, चीता, बाघ, भेड़िया, भालू जैसे खार जानवर रहते हैं। शेर को जंगल का राजा कहा जाता है । यह बड़े शरीर वाले हाथी से भी मकाबला कर सकता है । शेर की आहट पाकर जंगली जन्तु डर जाते हैं । छोटे जन्तुओं को बड़े खूखार जन्तुओं से हमेशा भय बना रहता है । वे अपना-अपना झंड बनाकर सावधानीपूर्वक रहते हैं।
जंगल के शाकाहारी जानवरों में हाथी सबसे बड़ा होता है । यह झंड बनाकर रहता है । यह पेड़ों की टहनियाँ, पत्तियाँ, फल आदि खाता है । यह पानी में नहाना बहत पसंद करता है । अन्य शाकाहारी जन्तुओं में हिरन, नीलगाय, खरगोश, जेब्रा, बंदर, लंगूर आदि प्रमुख हैं । बंदर पेड़ों पर उछल-कूद करता रहता है । गिलहरी पेड़ों पर रहती है । हिरन और नीलगाय अपने-अपने समूह में रहते हैं।
पक्षियों का निवास स्थान मुख्यतया जंगल ही है । मोर पक्षी झाड़ीदार जगल में रहता है । मोर का नृत्य बहुत सुन्दर होता है । इसके पंख रंग-बिरंगे और आकर्षक होते हैं । मोर हमारे देश का राष्ट्रीय पक्षी है । इसके अतिरिक्त तोता, कौआ, चील, नीलकण्ठ, मैना आदि पक्षी भी जंगलों में रहते हैं । ये पेड़ों पर घोंसला बनाकर रहते हैं । पक्षियों का कलरव जंगल के वातावरण को मंगल कर देता है । पक्षियों को साँप आदि खतरनाक जन्तुओं से हमेशा भय बना रहता है । साँप पक्षियों के अंडों को खा जाता है।
आधुनिक युग में जंगलों की संख्या और क्षेत्रफल में भारी कमी आ गई है । इसका असर जंगली जीवों पर भी पड़ा है । जंगली जीवों की संख्या बहुत घट गई है । खासकर बड़े जंगली जीवों को शिकार योग्य स्थान नहीं मिल पाता है । इसके कारण बाघों, शेरों, भालुओं, चीतों आदि को संरक्षित जंगलों में रखा गया है । इनके शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है । सरकार ने जंगली जीवों की सुरक्षा के लिए वन्य प्राणी राष्ट्रीय पार्क एवं अभयारण्य बनाए हैं । यहाँ जंगली जीवों की पूरी देख-रेख की जाती है । यहाँ बीमार जंगली जीवों का उचित इलाज किया जाता है । हमें जंगली जीवों को लुप्त होने से बचाने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए।
जंगली जीवों को सबसे अधिक खतरा मनुष्यों से है । मनुष्य विकास के लिए पेड़ों को काट रहा है । वह खेती के लिए अधिक जमीन की तलाश में जंगलों का सफाया कर रहा है । हमें इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने की कोशिश करनी चाहिए।