Hindi Essay on “Hansi Ek Vardaan”, “हँसी-एक वरदान” Complete Paragraph, Speech for Students.

हँसी-एक वरदान

Hansi Ek Vardaan

हँसी भीतरी आनंद का बाहरी चिह्न है। जीवन की सबसे प्यारी और उत्तुम-से-उत्तुम वस्तु एक बार हँस लेना तथा शरीर को अच्छा रखने की अच्छी से अच्छी दवा एक बार खिलखिलाकर हँस उठना है। पराने लोग कह गए हैं कि हँसो और पेट फुलाओ। हँसी कितने हो कला कौशलों से भली है। जितना ही अधिक आनंद से हँसोगे उतनी ही आय बढेगी। हँसी-खशी ही का नाम जीवन है। जो रोते है, उनका जीवन व्यर्थ है। कवि कहता है-“जिन्दगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या ख़ाक जिया करते हैं।” एक अंग्रेज डॉक्टर कहता है कि किसी नगर में दवाई से लदे हुए बीस गधे ले जाने से एक हँसोड आदमी को ले जाना अधिक लाभकारी है। डॉ. हस्फलैंड ने एक पुस्तक में आयु बढ़ाने का उपाय लिखा है। वह लिखता है कि हँसी पाचन के लिए बहुत उत्तुम चीज है, इससे अच्छी औषधि और नहीं है। एक रोगी ही नहीं, सबके लिए बहुत काम की वस्तु है। हँसी शरीर के स्वास्थ्य का शुभ संवाद देने वाली है। वह एक साथ ही शरीर और मन को प्रसन्न करती है। पाचन-शक्ति बढ़ाती है, रक्त को चलाती है और अधिक पसीना लाती है। हँसी एक शक्तिशाली दवा है। एक डॉक्टर कहता है कि वह जीवन की मीठी मदिरा है। कारलाइल एक राजकुमार था। संसार त्यागी हो गया था। वह कहता है कि जो जी से हँसता है, वह कभी बुरा नहीं होता।

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