आकाशगंगा
Akash Ganga
आकाशगंगा तारों का महापरिवार है। शायद नदी की धारा की तरह दिखाई पड़ने के कारण ही इसका नाम ‘आकाशगंगा’ पड़ा होगा। आकाश में कई आकाशगंगा हैं। लेकिन पृथ्वी से केवल एक ही आकाशगंगा दिखाई पड़ती है, जिसका नाम ‘स्पाइरल गैलेक्सी’ है। हमारी आकाशगंगा पहिए की आकृति वाली है, जिसके केन्द्र से तारक मछली की भाँति भुजाएँ निकलती प्रतीत होती हैं। तुम्हें यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस आकाशगंगा में लगभग बीस अरब तारे हैं। उनमें से अनेक तारे तो सूर्य से कई गुणा बड़े हैं। पृथ्वी से समतल पट्टी जैसी दिखने वाली इस आकाशगंगा को ऊपर या ठीक नीचे देखा जाए तो यह बीच में उभार लिए गोल प्लेट की तरह दिखेगी। इस आकाशगंगा के केन्द्र में तारों का भारी जमघट है। यही जमघट उभार की तरह दिखता है। अन्य तारे धूल और गैस के बादलों में समाए हुए हैं, जो केन्द्र की तरफ आती भुजाओं का रूप बनाती है। हमारा सूर्य भी आकाशगंगा का एक सदस्य है। यह उसके केन्द्र से सुदूर इसकी एक भुजा पर स्थित है। क्या तुम अंदाजा लगा सकते हो कि यह आकाशगंगा कितनी बड़ी है ? इसको समझने के लिए तुम्हें पहले किलोमीटर से भी बड़ी इकाई को समझना पड़ेगा। तुमने प्रकाश वर्ष का नाम सुना होगा। एक प्रकाश वर्ष का अर्थ है-एक वर्ष में प्रकाश द्वारा तय की जाने वाली दूरी। अब तुम्हें बताता हूँ, आकाशगंगा की विशालता के बारे में। इसके एक छोर से दूसरे छोर की दूरी लगभग एक लाख प्रकाश वर्ष है।