15 August ko Lal Quile Ka Drishye “15 अगस्त को लाल किले का दृश्य” Hindi Essay 300 Words, Best Essay, Paragraph, Anuched for Class 8, 9, 10, 12 Students.

15 अगस्त को लाल किले का दृश्य

15 August ko Lal Quile Ka Drishye

पन्द्रह अगस्त को भारत स्वतंत्र हुआ था। इसलिए देश में बहुत आदर व हर्ष-उल्लास के साथ यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व का उत्सव हर वर्ष लालकिले पर तिरंगा फहराकर किया जाता है। बेशक लालकिला मुगल शासनकाल में प्रकाश में आया हो पर अब यह भारत की ऐतिहासिक धरोहर है। इसी ऐतिहासिक इमारत पर भारत के प्रधानमंत्री हर वर्ष तिरंगा फहराते हैं। पूरा उपस्थित समुदाय जय-जयकार करता है। इस बार लालकिले पर तिरंगा वर्तमान । भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फहराया। उनके आने से पूर्व लोग लालकिला पहुँचने शुरू हो गए। लालकिला के सामने का मैदान लोगों से खचाखच भरा था। जनसमूह भारी संख्या में उमड़ा हुआ था। प्रधानमंत्री के आने से पूर्व ही आँखों देखा हाल सुनाने वाले उद्घोषकों ने आजादी की लड़ाई और ऐतिहासिक चाँदनी चौंक के इतिहास पर प्रकाश डाला। साथ यही ध्वनि विस्तारकों से राष्ट्रीय गीत और धुनें बजने लगीं। मोदी जी के आने पर स्वतंत्रता उत्सव आरम्भ हुआ। जल, थल और नभ तीनों सेनाओं की टुकड़ियों ने और राष्ट्रीय छात्र सैन्य दल के छात्र-छात्राओं ने सलामी देकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। सैनिक बैंड ने मोहक ध्वनि बजाई। प्रधानमंत्री ने जन-जन का अभिवादन स्वीकार किया। राष्ट्रीय ध्वज फहराया। ध्वजारोहण पर इकतीस तोपों ने सलामी दी। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। स्वतंत्रता परअपने प्राणों को न्योछावर करने वाले शहीदों को स्मरण किया। देश के कष्टों, कठिनाइयों और विपदाओं की चर्चा की। उनसे मुक्त कराने के लिए संकल्प लिया और देश की भावी योजनाओं का उल्लेख किया। वर्षभर में देश ने जो उपलब्धियाँ प्रकाश में आई हैं उनका वर्णन किया और हर्ष प्रकट किया। साथ ही राष्ट्र की शक्ति को निर्बल करने वाले तत्त्वों को सख्ती से निपटने का संकल्प लिया। भाषण के अंत में तीन बार जय हिंद का घोष किया और राष्ट्रगीत के साथ उत्सव का समापन हुआ।

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