विष्णु सखाराम खांडेकर
Vishnu Sakharam Khandekar (Writer)
जन्म: 11 जनवरी 1898, सांगली
निधन: 2 सितंबर 1976 (उम्र 78 वर्ष), मिराज
- श्री विष्णु सखाराम खांडेकर के पिता का निधन जल्दी हो गया था ।
- पिता के बड़े भाई श्री सखाराम खांडेकर ने उन्हें गोद लेकर उनका नाम ‘गणेश’ के बदले विष्णु’ रख दिया ।
- बालक विष्णु शारीरिक रूप से अस्वस्थ और कमजोर होते हुए भी मेधावी छात्र था । 1913 में मैट्रिक में अच्छे अंक प्राप्त करने के बाद पुणे विश्वविद्यालय में प्रवेश ले लिया ।
- स्नातक की उपाधि लेने से पहले ही उन्हें पढ़ाई छोड़कर घर वापस आना पड़ा।
- उनके लेखन की शुरूआत सन् 1919 में ‘उद्यान’ पत्रिका में छपी व्यंग्य लेखमाला से हुई जिसका शीर्षक ‘श्रीमत् कलिपुराण’ था । वे कई पत्रिकाओं में साहित्य समीक्षा वाले लेख लिखते रहे।
- उनके मराठी साहित्य पर मार्क्सवाद और फिर गांधीवाद की झलक मिलती है।
- उन्होंने सत्रह उपन्यास, तीन कहानी-संग्रह, चार रूपकथा संग्रह, छह प्रबंध, नौ समीक्षा ग्रंथ, तीन चरित्र, एक नाटक और अनुवाद के अलावा अठारह फिल्म की कथाएँ भी लिखकर मराठी फिल्मों के स्वर्ण युग में अपना योगदान दिया।
- उनकी जीवनी ‘एक पानाची कहाणी’ प्रकाशित हो चुकी है।
- वे साहित्य अकादमी के सदस्य रहे। उन्हें ‘पद्म-भूषण’ एवं ज्ञानपीठ जैसे राष्ट्रीय सम्मानों के अलावा क्षेत्रीय सम्मान भी दिए गए।
- सन् 1976 में उनका देहान्त हो गया।