उदयशंकर भट्ट
Udayshankar Bhatt
जन्म : 1898, मृत्यु: 1969
इटावा (उत्तर प्रदेश)
- हिन्दी के प्रसिद्ध नाटककार और कवि श्री उदयशंकर भट्ट के पिता पंडित मेहता फतेह शंकर भट्ट अंग्रेजी व संस्कृत के विद्वान थे तथा ब्रजभाषा में भक्ति रस की कविताएं रचा करते थे।
- बालक उदयशंकर ने पिता के पद-चिन्हों पर चलते हुए ब्रज भाषा में कविताएँ रचनी शुरू कर दी।
- उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से बी.ए. किया तथा पंजाब व कलकत्ता से ‘शास्त्री’ व ‘काव्यतीर्थ’ की उपाधि ली। वे लाला लाजपत राय नेशनल कॉलेज में अध्यापन करने लगे।
- उन्होंने खालसा तथा लाहौर के सनातन धर्म महाविद्यालय में भी अध्यापन किया।
- भगतसिंह उनके शिष्यों में से एक थे।
- वर्ष 1921-22 में उदयशंकर भट्ट एक नाटककार के रूप में उभरने लगे। उन्होंने ‘असहयोग और स्वराज्य’ तथा चित्तरंजन दास’ जैसे सफल नाटक लिखे।
- स्वतंत्रता आंदोलन से गहराई से जुड़े होने के कारण उनके नाटकों का विषय क्रांतिकारी या अतीत के गौरव से जुड़ा रहा।
- उन्होंने विक्रमादित्य, सिंध पतन, क्रांतिकारी, नया समाज आदि नाटक तथा तक्षशिला व विजयपथ जैसी प्रसिद्ध कविताएँ लिखीं।
- भारत-विभाजन के बाद वे दिल्ली आ गए और आकाशवाणी के हिन्दी सलाहकार के रूप में काम करने लगे। उनके लिखे कई नाटकों को आकाशवाणी से प्रसारित किया गया।
- सन् 1986 में उनका निधन हो गया।