राजा रामन्ना
Raja Ramanna
भारतीय भौतिक विज्ञानी
जन्म : 28 जनवरी 1925, तिप्तूर
निधन: 24 सितंबर 2004, मुंबई
- राजा रमन्ना एक भारतीय भौतिक विज्ञानी थे, जिन्हें भारत के परमाणु कार्यक्रम के शुरूआती दौर में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है।
- अठारह मई सन् 1974 को प्रथम भारतीय परमाणु परीक्षण राजस्थान के पोखरण रेगिस्तान में हुआ। इसका श्रेय डॉ. राजा रामन्ना को है।
- देश के प्रथम परमाणु रिएक्टरों अप्सरा, सिरस और पूर्णिमा की रूपरेखा और स्थापना में भी उनका योगदान रहा।
- आरंभिक शिक्षा बंगलौर में हुई। पीएच.डी. की उपाधि लंदन विश्वविद्यालय से ली।
- 1949 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में प्रोफेसर। 1966 में वे संस्थान के प्रमुख बने।
- 1964 में परमाणु कार्यक्रम में शामिल होने के बाद, रमन्ना ने होमी जहाँगीर भाभा के अधीन काम किया, और बाद में 1967 में इस कार्यक्रम के निदेशक बने।
- रामन्ना का मूलभूत योगदान नाभिकीय विरूंडन (न्यूक्लियर फिशन) के क्षेत्रमें है। उनके नए सिद्धांत से पता चलता है कि भारी केन्द्रक (न्यूक्लियाई) कैसे विभाजित होकर उग्र आणविक विकिरण देते हैं ।
- रमन्ना चार दशकों से अधिक समय तक भारत के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े रहे और उनका निर्देशन किया, और भारतीय सशस्त्र बलों के लिए औद्योगिक रक्षा कार्यक्रमों की शुरुआत भी की।
- भारत के परमाणु कार्यक्रम के निर्माण के लिए उनकी सेवाओं के सम्मान में उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- रमन्ना का 79 वर्ष की आयु में 2004 में मुंबई में निधन हो गया।