नानाजी देशमुख
Nanaji Deshmukh
राज्यसभा के पूर्व सदस्य
जन्म: 11 अक्टूबर 1916, कडोलिक
मृत्यु : 27 फरवरी 2010, सतना
- नानाजी देशमुख का जन्म निर्धन परिवार में हुआ था।
- सन् 1934 में वह ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ के सदस्य बने। सन् 1940 में उन्होंने संघ का प्रचारक बनकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई दायित्व संभाले, जिनमें गोरखपुर में प्रथम सरस्वती शिशु मंदिर’ की स्थापना शामिल है।
- सन् 1951 में भारतीय जनसंघ के संगठन मंत्री रहे। तत्पश्चात् इसके अखिल भारतीय कोषाध्यक्ष व अखिल भारतीय संगठन मंत्री भी रहे।
- सन् 1968 में दीनदयाल उपाध्याय स्मारक समिति का गठन किया।
- सन् 1972 में इसी समिति के अंतर्गत दीनदयाल शोध संस्थान’ की स्थापना की।
- वह जयप्रकाश नारायण के ‘समग्र क्रांति आंदोलन’ के अग्रणी कार्यकर्ता रहे।
- सन् 1975 में सभी विरोधी दलों तथा छात्र संगठनों के सहयोग से बनी लोक संघर्ष समिति’ के महासचिव बने।
- सन् 1977 में गोण्डा से लोकसभा प्रतिनिधि चुने गए। मंत्रिमण्डल से बाहर रहकर उन्होंने ‘गोण्डा प्रकल्प’ नामक योजना बनाकर समाज सेवा प्रारंभ कर दी ।
- गोण्डा को अपनी प्रयोग भूमि बनाकर तीन वर्ष की अवधि में ही उन्होंने इस क्षेत्र का अभूतपूर्व विकास किया ।
- वह बहुत अच्छे संगठनकर्ता है। एक सच्चे स्वयंसेवक बनकर वह ‘आमल परिवर्तन’ लाना और ‘सर्वांगीण विकास करना चाहते थे।