मुरूदर गोपालन रामचंद्रन
Muralidhara Gopala Ramachandran
फिल्म निर्माता
जन्म : 17 जनवरी, 1917
कैंडी (श्रीलंका)
- मरुधुर गोपालन रामचंद्रन, जिन्हें एमजीआर के नाम से भी जाना जाता है। मुरूदर गोपालन जाने-माने तमिल नेता व अभिनेता रहे।
- वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ, अभिनेता, परोपकारी और फिल्म निर्माता थे, जिन्होंने 1977 से 1987 में अपनी मृत्यु तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
- उनके पिता प्रसिद्ध वकील थे। रामचंद्रन को अल्पायु में ही पितृसुख से वंचित होना पड़ा। उनका बचपन बेहद कठिन परिस्थितियों में गुजरा। वह अपनी माँ के साथ चेन्नई आ गए और पाँच रुपए माहवार पर एक नाटक कंपनी में नौकरी की। यहीं से उनके अभिनय जीवन की शुरूआत हुई।
- पंद्रह नाटकों में काम करने के बाद उन्होंने अभिनय छोड़कर सेना में नौकरी करने का मन बना लिया। इसी दौरान उन्हें फिल्म का प्रस्ताव मिला। परदे पर लगभग तीन दशकों में उन्होंने 134 फिल्मों में काम किया।
- एमजीआर तमिलनाडु में एक सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में माना जाता है और तमिल सिनेमा के सबसे प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक माना जाता है।
- उन्होंने राजनीति में एक अलग राजनीतिक दल ‘अन्नाद्रमुक’ का गठन किया था। इसी की ताकत पर वह ‘सेन थोम’ विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए और तमिलनाडु के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री रहे।
- उन्होंने व्यक्तिगत रूप से आग, बाढ़, सूखा और चक्रवात जैसी आपदाओं और आपदाओं में राहत की पेशकश की।
- 1962 (चीन-भारत युद्ध) में चीन के साथ युद्ध के दौरान वह पहले दाता थे, जिन्होंने युद्ध कोष के लिए 75,000 रु दान किये।
- सन् 1987 में उनका निधन हो गया। 19 मार्च 1988 को एम.जी.आर. मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- उनकी आत्मकथा नान येन पिरंथें (व्हाई आई वाज़ बॉर्न) 2003 में प्रकाशित हुई थी।