मदर टेरेसा
Mother Teresa
मठवासिनी
जन्म: 26 अगस्त 1910, स्कोप्जे, उत्तर मैसेडोनिया
निधन: 5 सितंबर 1997, कोलकाता
- एग्नेस नामक युवतीनन बनने के बाद ‘मदर टेरेसा’ हो गईं।
- मदर टेरेसा जिन्हें कलकत्ता की सेंट टेरेसा के नाम से भी जाना जाता है, एक अल्बानियाई-भारतीय कैथोलिक नन थीं, जिन्होंने 1950 में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की थी।
- सन् 1929 में वह भारत आईं । कलकत्ता में उन्होंने लगभग दस वर्ष भूगोल की शिक्षिका के रूप में कार्य किया।
- 1946 में उन्होंने कलकत्ता में ही दीन-दुखियों और गरीबों के बीच कार्य प्रारंभ किया। तभी से वह निरंतर समाज सेवा में लगी रहीं। उन्होंने भारत ही नहीं पूरे विश्व के लोगों के दिलों में घर कर लिया।
- दयालुता की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा ने पीड़ितों के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी’, निर्मल सेवा समिति’ और ‘शिशु भवन’ जैसी अनेक संस्थाओं का निर्माण किया। उनकी कर्मभूमि मुख्य रूप से कलकत्ता रही।
- मदर टेरेसा की इस अमूल्य सेवा के लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार (1979), भारत रत्न (1980), जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार, रमन मैगसासे एवार्ड आदि विश्व के उत्कृष्ट सम्मानों से विभूषित किया गया। अपनी उपलब्धियों से अनभिज्ञ मदर टेरेसा निरंतर सेवा-कार्य में लगी रहीं।
- सितम्बर, 1997 में उनका निधन हो गया।
- उनके जन्म की 100वीं वर्षगांठ मनाने के लिए, भारत सरकार ने 28 अगस्त 2010 को एक विशेष ₹5 का सिक्का जारी कियाथा।
- उनकी अधिकृत जीवनी नवीन चावला द्वारा लिखी गई थी और 1992 में प्रकाशित हुई थी, और वह फिल्मों और अन्य पुस्तकों का विषय रही हैं।
- 6 सितंबर 2017 को, मदर टेरेसा और सेंट फ्रांसिस जेवियर को कलकत्ता के रोमन कैथोलिक आर्चडियोज़ के सह-संरक्षक नामित किया गया था।